Rajasthan: राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने ताइक्वांडो एसोसिएशन के पूर्व सचिव, दिनेश जगरावल को फर्जी खेल प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी की जानकारी शुक्रवार को दी। यह गिरफ्तारी फर्जीवाड़े के उस मामले से जुड़ी है, जिसमें फर्जी खेल प्रमाण पत्रों के जरिये विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों को फायदा पहुंचाया जा रहा था। एसओजी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और 50 वर्षीय दिनेश जगरावल की भूमिका के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।
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नौकरी के लिए एक लाख रुपए लेकर बांटे फर्जी खेल प्रमाण पत्र
दिनेश जगरावल पर आरोप है कि उन्होंने रिकॉर्ड में हेराफेरी कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और एक-एक लाख रुपये में प्रमाण पत्र बांटे। इस फर्जीवाड़े के मामले में पहले ही सरकारी शिक्षक बिमलेंदु कुमार झा, कमल सिंह, हितेश भादू और मनोज कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन्होंने प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया था।
ताइक्वांडो असोसिएशन का सचिव अरेस्ट
राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) अब अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है, ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। इस मामले में कई अन्य लोगों की संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है, और आगे की जांच जारी है।
लक्ष्मणगढ़ के सरकारी स्कूल में पीटीआई
एटीएस-एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वी.के. सिंह ने बताया कि ताइक्वांडो एसोसिएशन के पूर्व सचिव, दिनेश जगरावल, जो सूरतगढ़, श्रीगंगानगर के निवासी हैं, को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। जगरावल वर्तमान में सीकर के लक्ष्मणगढ़ स्थित नसांवा सरकारी स्कूल में फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) के रूप में कार्यरत हैं।
मामले की जांच जारी
जगरावल ताइक्वांडो एसोसिएशन के सचिव के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी फर्जी खेल प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में हुई है, और मामले की जांच जारी है। अधिकारियों ने इस मामले में अन्य संभावित संलिप्तताओं की भी जांच करने की योजना बनाई है।
रिकॉर्ड में हेराफेरी करके जारी किए थे फर्जी प्रमाण पत्र
एसओजी के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) परिस देशमुख ने जानकारी दी कि आरोपी दिनेश जगरावल ने ताइक्वांडो खेल चुके लोगों के रिकॉर्ड में हेराफेरी करके फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए थे। इसके लिए उन्होंने अभ्यर्थियों से एक-एक लाख रुपये वसूल किए।
राजस्थान में चल रहा ‘गारंटी जॉब’ का खेल
जब इन फर्जी प्रमाण पत्रों को जमा कर सरकारी नौकरी पाने वाले लोगों ने उनके सत्यापन की मांग की, तो जगरावल ने सत्यापन से इनकार कर दिया। यह बात मामले की गंभीरता को बढ़ाती है और अधिकारियों ने इस फर्जीवाड़े के पीछे के पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच जारी रखी है।