Bangladesh Violence: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ भड़की हिंसा से लगातार हालात खराब होते जा रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी की घटनाएं बढ़ने से पूरे देश में अशांति कायम है। हिंसा भड़कने के बाद शनिवार को पुलिस ने पूरे देश में सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया। इस बीच बांग्लादेश छोड़कर अन्य देशों में शरण लेने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। कानून-व्यवस्था का संकट पैदा होने के बाद बांग्लादेश में रह रहे भारतीय अब अपने वतन लौटने को मजबूर हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए करीब 1000 भारतीय स्टूडेंट्स वहां से भारत लौट आए हैं। भारतीय नागरिकों और स्टूडेंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चायोग और सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं।
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1000 भारतीय स्टूडेंट्स लौटे स्वदेश
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन की वजह से स्थिति भयावह बन चुकी है। इसी बीच करीब 1000 भारतीय छात्र वहां से भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए हर तरह की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन, आव्रजन, लैंड पोर्ट और बीएसएफ अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किए है। बताया जा रहा है कि अलग-अलग लैंड पोर्ट से 778 भारतीय स्टूडेंट्स भारत लौटे आए है। वहीं, करीब 200 स्टूडेंट्स ढाका और चटगांव हवाई अड्डों से नियमित उड़ान सेवाओं से स्वदेश लौटे।
4000 से अधिक छात्रों से उच्चायोग से संपर्क
भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि 13 नेपाली छात्रों की वापसी की सुविधा प्रदान की गई है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बचे 4000 से अधिक छात्रों के साथ संपर्क बनाए हुए है। इसके साथ ही आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और आव्रजन ब्यूरो के समन्वय में बेनापोल-पेट्रापोल, गेडे-दर्शना और अखौरा-अगरतला जैसे सीमा पार से इन छात्रों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में सक्रिय रहा है।
भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी
बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में देश में चल रहे बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय छात्रों और नागरिकों से सतर्क रहने को कहा गया है। भारतीय समुदाय के सदस्यों और बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय छात्रों, नागरिकों को यात्रा से बचने और अपने रहने की जगह से बाहर कम निकलने की सलाह दी गई है।
आरक्षण की मांग पर भड़की हिंसा, 115 की मौत
ढाका सहित अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए साल 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक का आरक्षण देना का ऐलान किया है। इसके बाद से पूरे देश में बीते कुछ दिनों से जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे है। अब यह प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है। छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस तथा सरकार समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों में अब तक 115 से अधिक लोग की जान जा चुकी है।
मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक
सरकारी अधिकारियों ने मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कुछ टेलीविजन समाचार चैनलों में भी कामकाज ठप पड़ा है। अधिकांश बांग्लादेशी समाचार पत्रों की वेबसाइट भी नहीं खुल पा रही है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के लिए अनावश्यक यात्रा से बचने और घर के अंदर रहने की सलाह जारी की है। बीते शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने जेल पर हमला कर कैदियों को छुड़ा लिया। इसके बाद जेल में आग लगा दी।