Chardham Yatra: विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम की यात्रा 2 मई से शुरू होने वाली है। इससे पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित टीमें यात्रा की तैयारियों में जुट गई हैं। मकसद है कि कपाट खुलने से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएं, ताकि यात्रा सुगम और भव्य तरीके से चल सके। हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र धाम के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, और इस बार भी प्रशासन यात्रा को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।
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Chardham Yatra: पैदल मार्ग को किया जा रहा सुगम
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि सड़क मार्ग से लेकर केदारनाथ के पैदल रास्तों को तेजी से ठीक किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं। पिछले साल आई आपदा से जो रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए थे, उनकी भी मरम्मत की जा रही है। प्रशासन ने इस बार विशेष रूप से यह ध्यान दिया है कि पैदल मार्ग पूरी तरह सुरक्षित और आरामदायक हो।
Chardham Yatra: लाइटिंग और बैठने की उचित सुविधाएं
डॉ. खाती ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई और पीने के पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा, पैदल मार्ग पर लाइटिंग और बैठने की उचित सुविधाएं भी दी जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु आसानी से यात्रा कर सकें।
Chardham Yatra: स्वास्थ्य सुविधाओं में होगा बड़ा सुधार
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रामप्रसाद ने बताया कि इस बार केदारनाथ धाम में 17 बेड का अस्पताल तैयार किया जा रहा है। जैसे ही बर्फ हटाने का काम पूरा होगा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें जरूरी सामान के साथ व्यवस्था जुटाने में लग जाएंगी। उन्होंने कहा, गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर सभी मेडिकल रिलीफ पॉइंट्स को ठीक किया जा रहा है। फाटा में इस बार हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर और एक्स-रे मशीन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मांग
इसके अलावा, यात्रा के दौरान डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मांग शासन से की गई है। यात्रा मार्ग पर सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को सक्रिय किया जा रहा है और एंबुलेंस सेवाओं को भी बढ़ाया जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके।
यात्रा को सुगम बनाने के लिए अन्य व्यवस्थाएं
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। बर्फबारी और आपदा के बाद रास्तों को सुरक्षित बनाना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन तैयारियां तेजी से चल रही हैं।
रजिस्ट्रेशन और सहायता केंद्र
इस बार तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में रजिस्ट्रेशन और सहायता केंद्र उपलब्ध रहें।
अतिरिक्त मोबाइल टावर
इसके अलावा, बिजली और टेलीफोन नेटवर्क की सुचारु व्यवस्था के लिए भी काम किया जा रहा है। इस बार नेटवर्क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को संचार की सुविधा में कोई दिक्कत न हो।
सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान
यात्रा मार्ग और मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा रहा है। पुलिस और होमगार्ड के जवानों की तैनाती के साथ-साथ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात रहेंगी।
ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे
प्रशासन द्वारा ड्रोन कैमरों की मदद से यात्रा मार्ग की निगरानी की जाएगी, ताकि भीड़ प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इसके अलावा, मंदिर परिसर और मुख्य यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।
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