Pushpak Express Train: महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक भयावह ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई, जिसके कारण कई यात्री ट्रेन से कूद गए। इस बीच, दूसरी ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए और कुछ की मौत हो गई।
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11 यात्रियों की मौके पर ही मौत
यह घटना जलगांव से करीब 20 किलोमीटर दूर परांडा स्टेशन के पास शाम 5:47 बजे हुई। पुष्पक एक्सप्रेस जैसे ही महाराष्ट्र के भुजवल स्टेशन से निकलकर जलगांव के परांडा स्टेशन के पास पहुंची, ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई। इस अफवाह के कारण कुछ यात्री घबराकर ट्रेन से कूदने लगे। अचानक, कर्नाटक एक्सप्रेस, जो दूसरी पटरी से आ रही थी, ने इन कूदने वाले यात्रियों को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में 11 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और 40 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के बाद मची अफरातफरी
हादसे के बाद दोनों ट्रेनों में अफरातफरी मच गई। यात्री और रेलवे कर्मी तुरंत राहत कार्य में जुटे, और स्थिति को नियंत्रित करने के बाद दोनों ट्रेनें स्टेशन से रवाना हो सकी। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और रेलवे ने घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भेजा।
अफवाह के कारण हुआ हादसा
पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह के चलते यह हादसा हुआ। ट्रेन में किसी प्रकार की आग की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन अफवाह फैलने के बाद कई यात्री घबराकर ट्रेन से कूद पड़े। इसके बाद चेन पुलिंग भी की गई, जिससे ट्रेन रुक गई। इसी दौरान कर्नाटक एक्सप्रेस दूसरी पटरी से आ गई और कूदने वाले यात्रियों की चपेट में आ गई। अफवाह के कारण यह घातक हादसा हुआ, और अगर तत्काल स्थिति को नियंत्रण में नहीं लिया जाता, तो यह और भी बड़ा हो सकता था।
प्रधानमंत्री मोदी और नेताओं का शोक संदेश
पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस दुर्घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के इलाज के लिए भी निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने घायल यात्रियों के उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
रेलवे और प्रशासन का त्वरित प्रतिक्रिया
रेलवे अधिकारियों ने हादसे के बाद तुरंत राहत कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भेजने और मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की गई। घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम गठित की गई है, जो यह जांच करेगी कि कैसे अफवाह फैलने के बाद यात्री घबराए और इस तरह के घातक परिणाम आए। रेलवे मंत्रालय ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उपायों को लागू करने का आश्वासन दिया है।
रेलवे में सुरक्षा और अफवाहों के प्रबंधन की जरूरत
यह हादसा यह दर्शाता है कि ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सिर्फ तकनीकी उपायों की ही नहीं, बल्कि यात्रियों के मानसिक स्थिति और अफवाहों के नियंत्रण की भी आवश्यकता है। जब ट्रेन में कोई अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न होती है, तो यात्रियों की घबराहट और अफवाहों का प्रभाव गंभीर हो सकता है, जैसा कि इस दुर्घटना में हुआ। रेलवे प्रशासन को ऐसे मामलों में यात्री सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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