Police Encounter: मैनपुरी जिले में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में एक लाख के इनामी अपराधी जीतेंद्र उर्फ जीतू ठाकुर को सोमवार सुबह एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। यह मुठभेड़ थाना एलाउ क्षेत्र के तारापुर कट पुलिया के पास हुई, जहां जीतू को पुलिस ने घेर लिया था। जवाब में उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया। उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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Police Encounter: एक लाख का इनामी था जीतू ठाकुर
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से एक अवैध 32 बोर की पिस्टल, कई खोखे और जिंदा कारतूस के अलावा एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है। मारा गया अपराधी जीतू ठाकुर हाथरस जिले के हाथरस जंक्शन कोतवाली क्षेत्र के गांव पहाड़पुर का रहने वाला था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
Police Encounter: राशन डीलर हत्याकांड में था मुख्य आरोपी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जीतू ठाकुर पिछले वर्ष 13 जून को हुए राशन डीलर योगेश उपाध्याय हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। हत्या का कारण प्रधानी की चुनावी रंजिश बताई गई थी। योगेश का शव हाथरस जंक्शन क्षेत्र के धौरपुर ओवरब्रिज के नीचे लहूलुहान हालत में मिला था। इस मामले में पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी और कई को गिरफ्तार भी कर लिया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी जीतू तभी से फरार था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही थी और उसके घर की कुर्की भी की जा चुकी थी।
अस्पताल में तोड़ा दम
सूचना मिलने पर मैनपुरी पुलिस और आगरा एसटीएफ की टीम ने सोमवार सुबह विशेष अभियान चलाया। जैसे ही जीतू तारापुर कट पुलिया के पास पहुंचा, पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर लिया। इस पर उसने जान बचाने के लिए गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी और बाद में वह अस्पताल में दम तोड़ गया।
Police Encounter: मैनपुरी पुलिस को मिली बड़ी सफलता
हाथरस पुलिस को भी मुठभेड़ और जीतू के मारे जाने की सूचना दे दी गई है। पुलिस का कहना है कि जीतू ठाकुर पर राशन डीलर की हत्या के अलावा अन्य आपराधिक मामलों में भी कई मुकदमे दर्ज थे। मैनपुरी पुलिस की इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
12 कर्मियों को किया बर्खास्त
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कर्मचारियों की सत्यनिष्ठा और आचरण पर सख्ती बरतते हुए लखनऊ मुख्यालय और एनसीआर क्षेत्रीय कार्यालय, ग्रेटर नोएडा के 12 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। इन कर्मचारियों पर कर्तव्यहीनता, अनुशासनहीनता और संदिग्ध आचरण जैसे गंभीर आरोप साबित हुए थे।
यूपी रेरा ने अनुशासनहीनता पर दिखाई सख्ती
रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्राधिकरण में कार्य की प्रकृति अत्यंत संवेदनशील है और कर्मचारियों की संख्या सीमित होने के बावजूद उनके कार्यों की नियमित निगरानी की जाती है। बर्खास्त किए गए कर्मियों में 3 अवर अभियंता, 2 एल.सी.आर.ए., 1 सहायक लेखाकार, 4 कंप्यूटर ऑपरेटर, 1 हेल्प डेस्क कर्मी और 1 अनुसेवक शामिल हैं।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि वह “जीरो टॉलरेंस” नीति पर चलते हुए अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगा। कार्यालय में सीसीटीवी निगरानी और सत्यनिष्ठा का शपथ-पत्र जैसी व्यवस्थाओं के माध्यम से निगरानी और पारदर्शिता को सशक्त किया गया है।
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