Food Poisoning: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक रिहैबिलिटेशन सेंटर में रहने वाले विशेष जरूरतों वाले बच्चों की तबीयत अचानक खराब होने से हड़कंप मच गया। मंगलवार शाम को 20 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। आनन-फानन में सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। इनमें से कुछ बच्चों को लोकबंधु अस्पताल और कुछ को बलरामपुर अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
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Food Poisoning: फूड पॉइजनिंग की आशंका, जांच जारी
डॉक्टरों के अनुसार, अभी तक बच्चों की तबीयत बिगड़ने की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है, लेकिन प्राथमिक जांच में फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इन बच्चों को शाम के खाने में दिन का बचा हुआ भोजन परोसा गया था, जो गर्मी के कारण दूषित हो गया था। भोजन करने के कुछ समय बाद ही बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और चक्कर आने जैसी शिकायतें होने लगीं। देखते ही देखते उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
Food Poisoning: जांच के आदेश, डीएम ने बनाई कमेटी
घटना की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) ने मामले की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी है। समिति को जल्द से जल्द घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और भर्ती बच्चों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया। वहीं, खाद्य सुरक्षा विभाग की एक टीम ने रिहैबिलिटेशन सेंटर से खाने के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Food Poisoning: अनाथ और मानसिक मंदित हैं बच्चे, अटेंडेंट पर निर्भर
अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि ये सभी बच्चे अनाथ और मानसिक मंदित हैं। वे खुद से खाने-पीने में असमर्थ होते हैं और पूरी तरह से अटेंडेंट पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में उनके भोजन और देखभाल में लापरवाही होने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती बच्चों की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी 16 बच्चों को आईसीयू में रखा गया है।
Food Poisoning: अधिकारियों की चुप्पी, परिजनों में रोष
घटना के बाद से ही प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सेंटर की साफ-सफाई और भोजन की गुणवत्ता को लेकर कई खामियां मिली हैं। मृत बच्चों के परिजनों ने इस लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Food Poisoning: 147 बच्चियां रह रही थीं सेंटर में
जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) विकास सिंह ने बताया कि इस रिहैबिलिटेशन सेंटर में कुल 147 बालिकाएं रह रही थीं। इनमें मुख्य रूप से अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर बच्चियां शामिल थीं। उन्होंने बताया कि एक बालिका की मंगलवार को और दूसरी बालिका की बुधवार को मौत हुई है। दोनों बच्चियों की उम्र लगभग 13 साल थी। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा।
Food Poisoning: प्रशासन की लापरवाही से बड़ा हादसा?
स्थानीय लोगों और कुछ सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं प्रशासन की लापरवाही का नतीजा हैं। रिहैबिलिटेशन सेंटर में रह रहे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन और उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन इस मामले ने इन व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर समय रहते इस सेंटर की निगरानी सही ढंग से की गई होती, तो शायद इस दुर्घटना को टाला जा सकता था।
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