Harendra Singh: भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने सोमवार को अचानक व्यक्तिगत कारणों (personal reasons) का हवाला देकर अपना पद छोड़ दिया है। इस समाचार ने हॉकी जगत में हलचल मचा दी है। सुबह आते ही उनकी इस्तीफा-चरित्र की जानकारी सार्वजनिक होती रही, और शाम तक हॉकी इंडिया ने आधिकारिक पुष्टि जारी कर दी।
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Harendra Singh: इस्तीफा कब और कैसे
हरेंद्र सिंह ने अप्रैल 2024 में ही महिला टीम की कोचिंग संभाली थी। उन्होंने Hockey India को एक ई-मेल भेजकर तुरंत प्रभाव से अपने पद से हटने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह फैसला व्यक्तिगत है और टीम के साथ उनका सफर उनके लिए बेहद सम्मानजनक रहा है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की तथा महासचिव भोलनाथ सिंह ने हरेंद्र के योगदान की सराहना की और कहा कि जल्द ही टीम के नए कोच की घोषणा की जाएगी।
Harendra Singh: कहीं प्रदर्शन-दबाव तो कहीं खिलाड़ियों की नाराजगी!
यदि केवल “व्यक्तिगत कारण” ही हों, तो इतने बड़े बदलाव की उम्मीद शायद कम होती। लेकिन मीडिया और सूत्रों की मानें, तो इसके पीछे महिला टीम की लंबी चर्चित समस्याएं रही हैं। पिछले डेढ़ साल में टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। 2024-25 की FIH प्रो लीग में टीम ने 16 मैचों में सिर्फ 2 जीत दर्ज की — यह टीम की इतिहास की सबसे खराब प्रो लीग रही।
Harendra Singh: कोचिंग के तरीके, टीम प्रबंधन और व्यवहार को लेकर शिकायत
फिटनेस और चोटों की समस्या लगातार बढ़ रही थी। सूत्रों का कहना है कि कई प्रमुख खिलाड़ी घायल हो गए थे। कुछ खिलाड़ियों ने कोचिंग के तरीके, टीम प्रबंधन व व्यवहार को लेकर शिकायत की थी। कहा जा रहा है कि यह शिकायतें तीन–चार दिन पहले ही संबंधित मंत्रालय को भी की गई थीं। एक वरिष्ठ हॉकी इंडिया अधिकारी का कहना है कि खिलाड़ियों ने साफ़ कर दिया था कि वे और इस कोच के तहत खेलना नहीं चाहते — इस आधार पर माहौल तनावपूर्ण हो गया था।
हरेंद्र सिंह का कोचिंग इतिहास — उतार-चढ़ाव भरा सफर
हरेंद्र सिंह सिर्फ महिला टीम के कोच नहीं थे — उन्होंने पहले जूनियर पुरुष टीम को 2016 में वर्ल्ड कप की जीत दिलाई थी। उसके बाद वे कुछ समय अमेरिका की पुरुष हॉकी टीम के कोच रहे। अप्रैल 2024 में उन्हें महिला टीम की कमान सौंपी गई थी। उनके कार्यकाल में टीम ने नवंबर 2024 में आयोजित एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (Rajgir) का खिताब जीता था — यह एक बड़ी सफलता थी। लेकिन उसके बाद चीजें खराब रहीं: प्रो लीग में निराशाजनक प्रदर्शन, चोटें, टीम की गिरती विश्व रैंकिंग — और अंत में इस्तीफा।
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