Dausa Borewell Rescue: राजस्थान के दौसा जिले में तीन दिन पहले बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा आर्यन, बचाव प्रयासों के बावजूद अपनी जान नहीं बचा सका। आर्यन को बचाने के लिए बचाव दल ने बोरवेल के पास खुदाई की कोशिशें की, लेकिन सभी प्रयास असफल रहे। इसके बाद प्रशासन ने एक नया तरीका अपनाते हुए बचाव कर्मियों को बच्चे के शरीर में हुक लगाकर उसे बाहर खींचने की अनुमति दी।
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56 घंटे तक चला था रेस्क्यू
करीब 56 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद, आर्यन को बोरवेल से बाहर निकाला गया, लेकिन दुख की बात यह रही कि उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना ने सभी को गहरे शोक में डाल दिया है और ऐसे हादसों से बचने के लिए उपायों की आवश्यकता को और भी प्रबल किया है।
3 दिन से भूखा-प्यासे मासूम की मौत
दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 9 दिसंबर की दोपहर को हुए हादसे के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। उस दिन करीब 3 बजे, 5 साल का बच्चा आर्यन अपनी मां के सामने ही खुले बोरवेल में गिर गया था। यह हादसा उसके घर से लगभग 100 फीट की दूरी पर हुआ था। घटना के तुरंत बाद, प्रशासन और बचाव टीम ने बच्चों को निकालने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए।
सभी कोशिशों के बावजूद जान नहीं बचाई जा सकी
रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर चलता रहा, लेकिन 9 दिसंबर की रात 2 बजे के बाद से बोरवेल में बच्चे का कोई मूवमेंट नहीं दिखा। बावजूद इसके, मेडिकल टीम लगातार बोरवेल में ऑक्सीजन सप्लाई करती रही, ताकि बच्चे को राहत मिल सके। हालांकि, सभी कोशिशों के बावजूद, 56 घंटे बाद जब आर्यन को बाहर निकाला गया, तो उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना ने स्थानीय समुदाय और सभी बचाव कर्मियों को गहरे दुख में डाल दिया।
सोमवार रात 2 बजे से नहीं देखा गया मूवमेंट
सोमवार रात 2 बजे के बाद से आर्यन के बोरवेल में गिरने के बाद कोई मूवमेंट नहीं देखा गया था। इसके बावजूद, मेडिकल टीम द्वारा लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही थी, ताकि बच्चे को किसी भी तरह की राहत मिल सके। कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने इस बारे में जानकारी दी थी कि रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी प्रयास किए जा रहे थे, और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और बोरवेल से जुड़ी लोकल तकनीक के एक्सपर्ट की एक टीम इस बचाव कार्य में जुटी हुई थी।
बोरवेल के पास करीब 125 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पास करीब 125 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश, मशीन खराब हो गई, जिससे ऑपरेशन में तीन-चार घंटे की देरी हो गई। इस दौरान रेस्क्यू कार्य में रुकावट आई, लेकिन फिर भी बचाव दल ने निरंतर कोशिश जारी रखी। इन तमाम मुश्किलों के बावजूद, बचाव कार्य में पूरी टीम ने अपनी ओर से हर संभव प्रयास किया।
आर्यन की मां की तबीयत बिगड़ी
आर्यन की मां की तबीयत हादसे के बाद बहुत बिगड़ गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि बेटे की चिंता के कारण उनका रक्तचाप (बीपी) बढ़ गया है, जो उनकी हालत को और खराब कर रहा है। इसके अलावा, माता-पिता दोनों ने पिछले दो दिनों से कुछ भी खाया-पिया नहीं है, जिससे उनकी शारीरिक स्थिति और बिगड़ गई है। इस कठिन समय में माता-पिता की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है, और डॉक्टर्स उनकी देखभाल में जुटे हुए हैं।
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