UP Politics: समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में अपने तीन विधायकों को निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने सोमवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ हैंडल से इसकी जानकारी साझा की। जिन विधायकों को निष्कासित किया गया है, उनमें गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं। सपा से निकाले जाने पर विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। आजादी के साथ अब अपनी बातें कह पाऊंगा।
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UP Politics: सपा ने बताया जनविरोधी विचारधारा का समर्थन
पार्टी ने अपने बयान में कहा कि इन विधायकों ने समाजवादी पार्टी की सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक राजनीति के बजाय सांप्रदायिक, विभाजनकारी, नकारात्मक और पीडीए विरोधी विचारधारा” का समर्थन किया। सपा ने स्पष्ट किया कि इन विधायकों को आत्ममंथन और व्यवहार सुधारने के लिए एक अनुग्रह-अवधि भी दी गई थी, जो अब समाप्त हो चुकी है। सपा के बयान में कहा गया, भविष्य में भी ‘जनविरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा। पार्टी के मूल विचार के विरोध में कोई भी गतिविधि अक्षम्य मानी जाएगी। जहां रहें, विश्वसनीय रहें।
UP Politics: राज्यसभा चुनाव में की थी क्रॉस वोटिंग
इन तीनों विधायकों पर आरोप है कि इन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। उस समय सपा के पास राज्यसभा में तीन उम्मीदवारों को जिताने का पूरा संख्या बल था, लेकिन सात विधायकों की क्रॉस वोटिंग ने समीकरण बिगाड़ दिए। सपा का आरोप है कि ये विधायक भाजपा के साथ लगातार संपर्क में थे और पार्टी की लाइन से भटक गए थे।
अब भी विधानसभा रिकॉर्ड में सपा विधायक
हालांकि, निष्कासन के बावजूद ये तीनों विधायक फिलहाल तकनीकी रूप से सपा विधायक ही माने जाएंगे, जब तक कि विधानसभा में इनके खिलाफ कोई विधायी कार्रवाई नहीं होती।
भाजपा ने ली चुटकी, सपा पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी की इस कार्रवाई पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि, सपा का नेतृत्व तनाव में है और उसकी जमीन खिसक चुकी है। समाजवादी पार्टी अब पूरी तरह हाशिए पर है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को कानून-व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में नंबर वन राज्य बना दिया है, जबकि सपा के राज में गुंडई और अराजकता का बोलबाला था, जिसे जनता भूली नहीं है।
निष्कासन पर राकेश प्रताप सिंह की प्रतिक्रिया
विधायक राकेश प्रताप सिंह ने पार्टी से निष्कासन को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। अब आजादी से अपनी बातें कह सकूंगा। मैं पीडीए का विरोधी नहीं हूं। ऐसा कोई वर्ग नहीं है, जिसके दुख-सुख में मैंने भागीदारी न की हो। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि यह निर्णय परिवारवाद को बढ़ावा देने वालों का है और एक परिवार के विरोध की विचारधारा के चलते उन्हें बाहर किया गया।
सपा में यह कार्रवाई राज्यसभा चुनाव में मिली राजनीतिक चोट के बाद आंतरिक अनुशासन को लेकर बड़ा कदम माना जा रहा है। भाजपा ने जहां इसे सपा की कमजोरी बताया है, वहीं निष्कासित विधायक इसे “विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” का अवसर बता रहे हैं। आने वाले समय में इन विधायकों की राजनीतिक दिशा और विधानसभा में इनकी स्थिति पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।
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