Shyam Rajak: पूर्व मंत्री श्याम रजक ने गुरुवार को आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भेजा। श्याम रजक पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव के पद पर थे। अपने इस्तीफे में उन्होंने भावुकता के साथ लिखा, मैं शतरंज का शौक़ीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था। इस बयान में श्याम रजक ने अपनी असंतोष और पार्टी से अपनी निराशा को व्यक्त किया है।
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शायराना अंदाज में श्याम रजक ने छोड़ा लालू यादव का साथ
पूर्व मंत्री और आरजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। श्याम रजक ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा भेजा है। इस खत में श्याम रजक ने अपना दर्द भी बयां किया है और पार्टी छोड़ने का कारण भी बताया है।
‘मैं शतरंज का शौकिन नहीं था, इसलिए…’
श्याम रजक ने अपने इस्तीफे में शायराना अंदाज में लिखा, मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था। श्याम रजक ने इस्तीफा देने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, आज राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दल के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा।
लालू यादव को भेजा पत्र, तेजस्वी, मीसा और राबड़ी को किया टैग
पूर्व आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने अपनी पोस्ट में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी और जंगदानंद सिंह को भी टैग किया। उन्होंने आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भेजे पत्र में लिखा, मैं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। मैं शतरंज का शौकिन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।
JDU में शामिल हो सकते हैं श्याम रजक
बता दें कि श्याम रजक ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़कर आरजेडी में शामिल होने का निर्णय लिया था, उम्मीद के साथ कि आरजेडी उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में फुलवारीशरीफ से टिकट देगी। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और चुनाव के बाद उन्हें विधान परिषद की सदस्यता भी नहीं मिली। इसके बजाय, मुन्नी रजक को विधान परिषद में स्थान मिला। अब खबरें हैं कि श्याम रजक एक बार फिर जेडीयू में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इस पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। उनकी इस्तीफे के पीछे की इस पूरी प्रक्रिया और असंतोष ने उनके राजनीतिक करियर में महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया है।