Sam Pitroda: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के “चीन हमारा दुश्मन नहीं” वाले बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा ने इस बयान को देश की सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला करार दिया है। वहीं, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया है। भाजपा प्रवक्ताओं ने इसे गलवान में शहीद हुए भारतीय जवानों का अपमान बताया है।
सैम पित्रोदा के बयान ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। भाजपा इसे गलवान के शहीदों का अपमान बता रही है, जबकि कांग्रेस ने पित्रोदा के विचारों से दूरी बना ली है। यह मुद्दा सिर्फ बयानबाजी तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि आने वाले चुनावों में भी इसका प्रभाव दिख सकता है।
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बीजेपी का हमला: गलवान के शहीदों का अपमान
भाजपा प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता चीन के साथ समझौता कर चुके हैं, इसलिए उनके सलाहकार और नेता इसी तरह की भाषा बोलते हैं।” सिंह ने आगे कहा कि चीन के साथ कांग्रेस के एमओयू की वजह से पार्टी के नेता भारत की सुरक्षा को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हैं।
कांग्रेस और चीन के बीच संबंध फिर उजागर
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, सैम पित्रोदा ने कांग्रेस और चीन के बीच संबंधों को उजागर कर दिया है। उनका बयान भारत की अस्मिता, कूटनीति और संप्रभुता पर सीधा प्रहार है। राहुल गांधी भी विदेश दौरों पर इसी तरह के बयान देते आए हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि चीन ने बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर लिया है, जबकि वहां बेरोजगारी दर 24 फीसदी है। कांग्रेस के नेता गलवान में शहीद हुए 20 जवानों के बलिदान का अपमान कर रहे हैं।”
गौरव गोगोई की पत्नी के पूर्व बॉस पर एफआईआर
आरपी सिंह ने गौरव गोगोई की पत्नी के पूर्व बॉस के खिलाफ दर्ज एफआईआर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, डॉ. शेख पर एफआईआर दर्ज की गई है और हमें उम्मीद है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किया किनारा
भाजपा के हमलों के बीच कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि यह बयान कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता। उन्होंने लिखा, “सैम पित्रोदा द्वारा चीन को लेकर व्यक्त किए गए विचार कांग्रेस पार्टी के नहीं हैं। यह उनकी निजी राय है।”
सैम पित्रोदा ने क्या कहा?
समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए गए इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा, “मैं चीन को खतरे के रूप में नहीं देखता। अक्सर इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका को दुश्मन परिभाषित करने की आदत है। मेरा मानना है कि यह समय टकराव का नहीं, बल्कि सहयोग का है। हमें संवाद को बढ़ाना सीखना चाहिए और निर्माण पर ध्यान देना चाहिए।”
पित्रोदा की यह टिप्पणी उस समय आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारत और चीन के सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि दुनिया के देश टकराव छोड़कर आपसी सहयोग को बढ़ावा दें। चीन को शत्रु मानने की मानसिकता बदलनी होगी।”
सियासी विवाद के मायने
सैम पित्रोदा के बयान से भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। कांग्रेस पहले ही चीन के साथ कथित एमओयू को लेकर भाजपा के निशाने पर रही है। भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बताते हुए कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। वहीं, कांग्रेस ने सफाई दी है कि यह पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह विवाद आगामी चुनावों को देखते हुए और तेज हो सकता है। भाजपा इस मुद्दे को कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक प्रचार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है, जबकि कांग्रेस बचाव की मुद्रा में दिखाई दे रही है।
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