Punjab: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए बुधवार को पुलिस विभाग में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की। सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए 52 पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई राज्य में पारदर्शी प्रशासन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, सरकार का उद्देश्य जनता को स्वच्छ और जवाबदेह प्रशासन देना है। भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाही बरतेंगे या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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पहले भी हुई हैं कड़ी कार्रवाइयां
यह पहली बार नहीं है जब पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हो। इससे पहले मुक्तसर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) राजेश त्रिपाठी को भी भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निलंबित किया गया था। वहीं, विजिलेंस विभाग ने कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसा है। विजिलेंस के अनुसार, पिछले एक साल में भ्रष्टाचार के मामलों में दर्जनों गिरफ्तारियां की गई हैं।
जनता से मिली शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष व्हाट्सएप नंबर 9501200200 जारी किया था। इस नंबर के जरिए नागरिक अपनी शिकायतें सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं। सरकार को इस माध्यम से हजारों शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनकी जांच के बाद 52 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त किया गया।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बर्खास्त किए गए अधिकारियों में विभिन्न रैंकों के पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इनमें इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, एएसआई और हेड कांस्टेबल जैसे पदों पर तैनात अधिकारी थे। अधिकांश मामलों में रिश्वतखोरी, अवैध वसूली और प्रभाव का दुरुपयोग करने के आरोप थे।
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए व्यापक योजना
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। इस योजना के तहत सभी जिलों में सतर्कता टीमों को सक्रिय किया गया है। इसके अलावा, सभी अधिकारियों को यह चेतावनी दी गई है कि अगर वे अपने क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि अधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन जनता और स्थानीय विधायकों की प्रतिक्रिया के आधार पर किया जाएगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस बड़ी कार्रवाई पर विपक्ष की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ दलों ने इस कदम की सराहना की है, वहीं कुछ ने इसे दिखावटी बताया। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है लेकिन इसे चुनावी स्टंट नहीं बनाना चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई निरंतर होनी चाहिए।” वहीं, भाजपा नेता अश्विनी शर्मा ने कहा कि सरकार को केवल निचले स्तर पर कार्रवाई करने के बजाय ऊपरी स्तर पर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर भी सख्त कदम उठाने चाहिए।
जनता में सकारात्मक संदेश
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस कड़ी कार्रवाई के बाद जनता के बीच सकारात्मक संदेश गया है। कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर सरकार की इस पहल की प्रशंसा की है। लुधियाना निवासी रजनीश शर्मा ने कहा, अगर सरकार इसी तरह ईमानदारी से काम करती रही तो पंजाब में प्रशासनिक सुधार जरूर होगा।
पंजाब सरकार की इस कार्रवाई से साफ है कि वह भ्रष्टाचार के प्रति किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार का यह कदम न केवल पुलिस विभाग बल्कि अन्य सरकारी विभागों के लिए भी एक कड़ा संदेश है। यह पहल न सिर्फ शासन प्रणाली में पारदर्शिता लाने में मदद करेगी बल्कि जनता का सरकार पर विश्वास भी मजबूत करेगी।