Operation Sindoor: भारतीय सेना द्वारा मंगलवार रात को सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर ने देशभर में जोश और गर्व का माहौल बना दिया है। पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का माकूल जवाब दिया है। इस सैन्य कार्रवाई की देशभर में सराहना हो रही है और विपक्षी दलों के अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं। लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी ने इस पर खुलकर सेना और केंद्र सरकार का समर्थन किया है।
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Operation Sindoor: बैठक में खड़गे-राहुल समेत कई नेता थे मौजूद
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में देश के मौजूदा हालात और सीमा पार की स्थिति पर विचार किया गया।
Operation Sindoor: हमारे सैनिकों पर गर्व है : खड़गे
बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमारे भारतीय सशस्त्र बलों पर हम गर्व करते हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर साहसिक कार्रवाई कर मुंहतोड़ जवाब दिया है। हम अपने जांबाज सैनिकों के साहस, दृढ़ संकल्प और राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का समर्थन करती रही है और आज भी पूरी तरह से सेना और सरकार के साथ खड़ी है।
Operation Sindoor: ‘राष्ट्रीय नीति स्पष्ट और अडिग है’
खड़गे ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दिन से ही कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी निर्णायक कदम का समर्थन करेगी। भारत की राष्ट्रीय नीति पाकिस्तान और पीओके से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ स्पष्ट और अडिग है। इस समय देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकजुटता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश के वीर जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और अतीत में भी कांग्रेस नेतृत्व ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की अखंडता की रक्षा की है।
राशिद अल्वी बोले- पीओके वापस लेना चाहिए था
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी ऑपरेशन सिंदूर की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा,
हम चाहते थे कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ को जंजीरों में जकड़कर दिल्ली लाया जाता। हमें पीओके को वापस लेना चाहिए था। यह एक सुनहरा अवसर था। हालांकि यह बयान सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया है, मगर इससे कांग्रेस के भीतर भी एक भावनात्मक और आक्रामक तेवर की झलक मिलती है, जो सेना की कार्रवाई का पूरा समर्थन करता है।
विपक्ष के भीतर भी दिखी एकता
ऑपरेशन सिंदूर पर जहां कुछ छोटे दल और नेता सवाल उठा रहे हैं, वहीं कांग्रेस का रुख सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार के समर्थन में सामने आया है। यह स्पष्ट संकेत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मसलों पर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी अपने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सेना के साथ खड़ी है।
भारत सरकार की ओर से किए गए इस जवाबी सैन्य अभियान को न सिर्फ जनता का, बल्कि राजनीतिक विपक्ष का भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस की ओर से आए ये बयान दर्शाते हैं कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो राजनीतिक सीमाएं मिट जाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पैदा हुआ यह राजनीतिक और सामाजिक एकजुटता का माहौल, देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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