LokSabha Election 2024: कांग्रेस के एक और उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेंगे। दरअसल, कांग्रेस पार्टी की ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने आर्थिक कारणों से अपना नाम वापस ले लिया है। इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने भी नामांकन के बाद अपना चुनाव लड़ने से मना करते हुए अपना नाम वापस ले लिया था। वहीं कांग्रेस के सूरत लोकसभा प्रत्याशी का नामांकन भी रद्द हो गया था।
बता दें कि 2014 में सुचारिता को कांग्रेस में शामिल किया गया था। उन्हें पुरी से टिकट मिलने पर वे बहुत उत्साहित थीं और जीत का दावा कर रही थीं, लेकिन अब उन्होंने पैसे नहीं मिलने के कारण चुनाव लड़ने से मना कर दिया। सूत्रों के अनुसार उन्होंने कई बार फंडिंग के लिए कांग्रेस का दरवाजा खटखटाया था परन्तु उन्हें पार्टी की तरफ से हमेशा निराशा ही हाथ लगी|
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पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए नहीं दिए पैसे:
शनिवार को सुचारिता मोहंती ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए कोई धन नहीं दिया गया है, इसलिए उन्होंने कांग्रेस का टिकट वापस कर दिया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को एक ईमेल में सुचारिता मोहंती ने कहा कि वह सांसद का टिकट वापस कर रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुचारिता मोहंती ने लिखा कि पुरी लोकसभा सीट पर चुनाव के लिए फंडिंग की कमी की वजह से उनका पार्टी के लिए चुनाव प्रचार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी डॉ. अजॉय कुमार ने उनसे चुनाव प्रचार का खर्चा स्वयं उठाने के लिए कहा था।
सुचारिता ने लिखा-मेरे डीएनए में कांग्रेसी मूल्य हैं:
सुचारिता मोहंती पेशे से पत्रकार हैं और करीब दस साल पहले ही उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने चुनाव प्रचार में अपनी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ी है और लोगों से दान लेने की भी कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाईं। साथ ही उन्होंने लिखा कि उन्होंने पुरी लोकसभा सीट पर प्रभावी प्रचार करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व से भी जरूरी फंडिंग की अपील की थी।
मोहंती ने लिखा कि मैं अपने दम पर चुनाव प्रचार करने में सक्षम नहीं हूं, इसलिए सिर्फ धन की कमी हमें पुरी लोकसभा सीट जीतने से रोक सकती है। मोहंती ने पार्टी टिकट वापस देते हुए अपने पत्र में कहा कि वह कांग्रेसी मूल्य वाली एक कांग्रेसी महिला हैं और वह हमेशा कांग्रेस की के लिए एक सिपाही की तरह काम करती रहेंगी।
कमजोर उम्मीदवारों को टिकट दिया।
इसके साथ ही कांग्रेस का टिकट वापस देने पर सुचारिता मोहंती ने कहा कि पार्टी ने पुरी लोकसभा की सात सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवारों के स्थान पर कुछ कमजोर उम्मीदवारों को टिकट दिया है| इसके अतिरिक्त पार्टी उन्हें चुनाव के प्रचार के लिए फंड भी नहीं दे रही है इसलिए ऐसे में वह इन चुनावों में भाग नहीं ले सकती।
28 अप्रैल को लवली ने इस्तीफा दे दिया था:
इससे पहले 28 अप्रैल को अरविंदर सिंह लवली ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह कांग्रेस और आप के गठबंधन से असंतुष्ट थे और कन्हैया कुमार और उदित राज को टिकट दिए जाने पर भी नाराज थे। पार्टी छोड़ते समय लवली सिंह ने कहा कि कांग्रेस पर आप पार्टी लगातार आरोप लगाती आई है और उसके कई नेता जेल में हैं। ऐसे में आप पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन कैसे हो सकता हैं?
नीरज बसोया और नसीब सिंह ने भी छोड़ी कांग्रेस पार्टी:
अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के ठीक दो दिन बाद 1 मई को नीरज बसोया और नसीब सिंह ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी| माना जाता है कि नसीब और नीरज की नाराज़गी भी वही थी, जिसके कारण लवली ने पार्टी छोड़ दी थी।