Loksabha Election 2024: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख पशुपति कुमार पारस एनडीए से अलग हो गए हैं। उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया है। पशुपति पारस ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि पशुपति पारस मोदी कैबिनेट में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे। साथ ही उन्होंने कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि उन्होंंने इस्तीफा क्यों दिया। माना जा रहा है कि एनडीए छोड़ने के बाद पशुपति पारस विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल हो सकते हैं।
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इस वजह से दिया इस्तीफा:
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनावों में सीट शेयरिंग को लेकर पशुपति पारस नाराज हैं। दरअसल, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी को लोकसभा में 5 सीटें दी गई हैं। वहीं पशुपति पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई। इस बात से वे नाराज हैं। मंगलवार को पशुपति ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है और इसी वजह से उन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है।
हमारे साथ नाइंसाफी हुई: पशुपति
केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद पशुपति पारस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने बहुत ईमानदारी से देश की सेवा की है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे पीएम मोदी के आज भी शुक्रगुजार हैं। पशुपति पारस ने कहा कि उनके और उनकी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है। पशुपति पारस ने कहा कि उनकी पार्टी के पांच सांसद थे और हमने पहले ही कहा था कि सीट बंटवारे के बाद फैसला लेंगे।
बिहार में ऐसे हुआ सीट बंटवारा:
बता दें कि एनडीए ने आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया है। इसमें बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें खुद के पास ही रखी हैं। बीजेपी बिहार में 17 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं जेडीयू को 16 सीटें दी गई हैं। अन्य सहयोगी दलों में चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 सीटें दी गई हैं। जीतनराम मांझी की पार्टी HAM को 1 सीट दी गई है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी एक लोकसभा सीट दी गई है। वहीं पशुपति पारस की पार्टी RLJP को एक भी सीट नहीं मिली है।
पशुपति पारस को पहले ही हो गया था अंदेशा:
बता दें कि लोकसभा चुनावों में सीट बंटवारे को लेकर पशुपति पारस को पहले ही अंदेशा हो गया था कि उनकी पार्टी की सीटें काटी जा सकती हैं। दरअसल, बीजेपी पशुपति पारस के भतीजे चिराग को ज्यादा तवज्जो दे रही थी, जिसकी वजह से पशुपति असहज महसूस कर रहे थे। वहीं बताया जा रहा है कि पशुपति पारस को पहले ही इस बात की भनक हो गई थी कि उनकी पार्टी को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिलेगी।
बता दें कि इसी वजह से पशुपति ने हाल ही में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करते हैं कि उनके पांचों सांसदों पर विचार करें। साथ ही पशुपति पारस ने कहा था कि वे सूची का इंतजार करेंगे।