Jharkhand: झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन, पहले चरण की 43 सीटों के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया है, जिसे पार्टी ने “अधिकार पत्र” का नाम दिया है। इसे झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन ने जारी किया। इस अधिकार पत्र में झारखंड के लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास पर जोर दिया गया है। झामुमो ने अपने इस घोषणा पत्र में जनता के अधिकारों को केंद्र में रखते हुए विभिन्न योजनाओं और वादों की घोषणा की है, जो राज्य के विकास और जनकल्याण पर केंद्रित हैं।
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मैया योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र “अधिकार पत्र” जारी किया है, जिसमें 9 प्रमुख वादे किए गए हैं। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में मैया योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की है, जो राज्य की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता होगी।
2500 की वृद्धा पेंशन
इसके अलावा, बुजुर्गों के लिए पेंशन राशि बढ़ाने का वादा भी किया गया है। विकलांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता को भी बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह किया जाएगा। यह कदम राज्य में समाज के कमजोर वर्गों की स्थिति सुधारने के लिए पार्टी द्वारा उठाए गए कदमों में से एक है। इन वादों के अलावा, झामुमो ने अपने घोषणापत्र में कई और सामाजिक और आर्थिक कल्याण योजनाओं की घोषणा की है, जो राज्य के लोगों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए हैं। 13 और 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में ये वादे चुनावी मुद्दे बन सकते हैं।
डोमिसाइल पॉलिसी और आरक्षण बढ़ाने का वादा
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने अधिकार पत्र में कुछ प्रमुख वादे किए हैं, जिनमें 1932 के खतियान (भूमि सर्वेक्षण कागजात) के आधार पर स्थानीय नीति (डोमिसाइल पॉलिसी) को लागू करना शामिल है। इसके तहत राज्य में निवासियों को उनकी भूमि और पहचान के आधार पर स्थानीय दर्जा देने की योजना है। इसके अलावा, झामुमो ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कोटे में वृद्धि का वादा किया है।
विकास और कल्याणकारी योजनाएं
झामुमो ने सरना-आदिवासी धर्म कोड को लागू करने का संकल्प भी व्यक्त किया है, जिससे आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान को मान्यता दी जा सके। इसके साथ ही, पार्टी ने राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय का गठन करने का भी आश्वासन दिया है, जिससे पिछड़े वर्गों के लिए विकास और कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। पार्टी का यह घोषणा पत्र झारखंड के जनजातीय और पिछड़े वर्ग के अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
JMM के घोषणापत्र की बड़ी बातें
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का घोषणापत्र राज्य के विकास और सामाजिक कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण वादों से भरा हुआ है। इन वादों में सामाजिक, आर्थिक, और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार से संबंधित पहलू शामिल हैं। कुछ प्रमुख वादे निम्नलिखित हैं:
सिंचाई योजनाओं की पुनर्समीक्षा: राज्य में सिंचाई प्रणालियों का पुनरावलोकन किया जाएगा ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके और उनकी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो।
झारखंड की जलाशयों और डैम के पानी में अधिक हिस्सेदारी: झारखंड को राज्य के जल संसाधनों से अधिक हिस्सा मिलने का वादा किया गया है।
विस्थापन की समस्या झेल रहे लोगों के लिए ‘पुनर्वास आयोग’: विस्थापन से प्रभावित लोगों के लिए एक पुनर्वास आयोग स्थापित किया जाएगा, जो उनकी समस्याओं का समाधान करेगा।
खासमहाल और गैर मजरुआ भूमि पर रैयतों को रजिस्ट्री और लगान रसीद की सुविधा: यह कदम भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करेगा और उन लोगों को कानूनी अधिकार प्रदान करेगा जो इन क्षेत्रों में निवास करते हैं।
रेल सुविधाओं का विस्तार: राज्य में रेल सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, ताकि परिवहन को अधिक सुलभ और सस्ता बनाया जा सके।
राज्य के हर पंचायत तक इंटरनेट का विस्तार: डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देते हुए पंचायत स्तर तक इंटरनेट सेवाओं का विस्तार किया जाएगा।
पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण, बीमा और पेंशन: राज्य में पत्रकारों के कल्याण के लिए प्रशिक्षण, बीमा और पेंशन की व्यवस्था की जाएगी।
बेहतर सड़क निर्माण: सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए बेहतर सड़क निर्माण पर ध्यान दिया जाएगा।
नए प्रखंडों और अनुमंडलों का गठन: प्रशासनिक सुधार के तहत नए प्रखंडों और अनुमंडलों का गठन किया जाएगा, जिससे शासन का बेहतर वितरण हो सके।
विचाराधीन बंदियों की रिहाई: विचाराधीन बंदियों के मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए कदम उठाए जाएंगे और उनकी रिहाई की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
प्रवासी मजदूरों के अधिकार और सम्मान के लिए संघर्ष: प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियाँ और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए झामुमो संघर्ष करेगा।
आदिवासी रेजिमेंट का गठन: आदिवासी समुदाय के युवाओं को रोजगार और सैन्य सेवा का अवसर देने के लिए आदिवासी रेजिमेंट की स्थापना की जाएगी।
किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण: किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण देने का वादा किया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार हो सके।
मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम 350 रुपये प्रतिदिन का पारिश्रमिक: श्रमिकों को अधिक पारिश्रमिक देने का वादा किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,200 रुपये प्रति क्विंटल: किसानों के लिए धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा।
वन उत्पादों के समर्थन मूल्य में 50 फीसदी तक की वृद्धि: वन उत्पादों के लिए समर्थन मूल्य को 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा, जिससे आदिवासी और ग्रामीण समुदाय को लाभ मिलेगा।
इन वादों के जरिए झामुमो ने झारखंड के समग्र विकास के लिए अपनी योजनाओं का खाका पेश किया है, जो चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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