Jammu and Kashmir: जम्मू और कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस प्रक्रिया में, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली और राज्य के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग को प्रमुखता दी है। इसके अलावा, घोषणापत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने, महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण, तथा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सुधार के वादे शामिल हैं। महबूबा मुफ्ती ने राज्य के विकास के लिए पीडीपी की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करती रहेगी। इस घोषणापत्र के जारी होने के साथ ही चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है, और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा भी अपनी रणनीतियों को तेज करने की उम्मीद है।
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सुलह और संवाद पर दिया जोर
महबूबा मुफ्ती ने अपने घोषणापत्र के जारी होने के बाद दिए एक बयान में कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सुलह और संवाद पर जोर देती है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आर-पार लोगों के बीच संपर्क स्थापित हो, ताकि दोनों तरफ के लोग एक-दूसरे से मिल सकें और सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत कर सकें।
कश्मीरी पंडितों को शारदा पीठ जाकर पूजा-अर्चना करने का मिलेगा अवसर
इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने पीओजेके (पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर) में स्थित शारदा पीठ तीर्थ स्थल का रास्ता खोलने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस कदम से कश्मीरी पंडितों को शारदा पीठ जाकर पूजा-अर्चना करने का अवसर मिलेगा, जो कि उनके लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। महबूबा मुफ्ती ने इस मांग के जरिए धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की बहाली पर जोर दिया, जो उनके घोषणापत्र का एक प्रमुख हिस्सा है।
200 यूनिट तक मुफ्त बिजली
महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी के घोषणापत्र को जारी करते हुए कई महत्वपूर्ण वादे किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे राज्य के नागरिकों के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाएगा, जिससे सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।
युवाओं को रोजगार
महबूबा मुफ्ती ने भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का वादा किया, ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का भी आश्वासन दिया गया है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
धार्मिक स्थलों को मुफ्त बिजली
इसके अलावा, उन्होंने जेल में बंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की। धार्मिक स्थलों, जैसे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों को मुफ्त बिजली देने का भी वादा किया गया है।
जमात-ए-इस्लामी पर लगे प्रतिबंध को हटाने का वादा
महबूबा मुफ्ती ने जमात-ए-इस्लामी पर लगे प्रतिबंध को हटाने और उनकी संपत्ति को वापस करने की कोशिश करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार केंद्रीय गृह मंत्री से नियंत्रण रेखा (एलओसी) के आर-पार व्यापार को फिर से शुरू करने का अनुरोध करेगी, जिससे दोनों तरफ के लोगों के बीच व्यापार और संबंध फिर से स्थापित हो सकें।
अलगाववादी नेताओं को जेल में डालना समस्या का समाधान नहीं
महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच एक पुल था, जिसे भाजपा सरकार ने तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इस पुल के टूटने से जम्मू-कश्मीर में असंतोष और अलगाव की भावना बढ़ी है। महबूबा मुफ्ती ने भाजपा सरकार की नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अलगाववादी नेताओं को जेल में डालना समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा के पूर्व नेताओं, अटल बिहारी वाजपेयी और एलके आडवाणी ने अतीत में अलगाववादी नेताओं जैसे यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात की थी। उनका मानना है कि संवाद और बातचीत ही कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान हो सकता है, जबकि जेल में डालने से समस्याएं हल नहीं होतीं।