Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक कड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश जारी किया। यह आदेश कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा बिजली के 150 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान करने में विफल रहने के कारण दिया गया। अदालत ने बिजली विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि वह इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करने के लिए तथ्य-जांच (फैक्ट-फाइंडिंग) प्रक्रिया शुरू करें। अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि बकाया राशि के भुगतान के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं।
Table of Contents
बीते आदेशों का पालन न करने कारण कोर्ट ने सुनाया फैसला
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का यह कड़ा फैसला सुक्खू सरकार द्वारा अदालत के पिछले आदेशों का पालन न करने के कारण आया है। पहले सरकार को बिजली बकाया के रूप में 64 करोड़ रुपये की राशि चुकाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, समय पर भुगतान न करने और ब्याज जुड़ने के कारण यह राशि अब बढ़कर लगभग 150 करोड़ रुपये हो गई है। अदालत ने इस अनदेखी को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, विद्युत विभाग के प्रधान सचिव को मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की पहचान करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
बकाया राशि के भुगतान में हो रही देरी
यह मामला हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में चिनाब नदी पर प्रस्तावित 400 मेगावाट सेली हाइड्रो प्रोजेक्ट से जुड़ा है। बिजली उत्पादन से संबंधित इस परियोजना के तहत बकाया राशि के भुगतान में हो रही देरी पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह राशि राज्य के खजाने से जुड़ी है, और इसका नुकसान अंततः जनता को ही उठाना होगा। इसलिए, अदालत ने परियोजना से जुड़ी कंपनी को यह अधिकार दिया है कि वह दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को नीलाम कर अपनी बकाया रकम वसूल सके।
बकाया बढ़कर हुए 150 करोड़ रुपये
इससे पहले हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह कंपनी द्वारा जमा की गई 64 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि को सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए। हालांकि, प्रदेश सरकार द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसके कारण मूल राशि और ब्याज मिलाकर अब यह बकाया बढ़कर लगभग 150 करोड़ रुपये हो गया है। इस मामले में अगली सुनवाई छह दिसंबर को तय की गई है।
कांग्रेस की नीति और नीयत में खोट
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश पर भाजपा ने सुक्खू सरकार पर तीखा हमला किया है। भाजपा के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार अब दिवालिया होने के कगार पर है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावों के दौरान जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे, जैसे कि हर महिला को 1500 रुपये देने का वादा, लेकिन अब महिला वर्ग इस वादे को लेकर सरकार से सवाल कर रहा है।
दिवालिया होने के कगार पर सुक्खू सरकार
मनोज तिवारी ने कहा कि सुक्खू सरकार के पास जनता के वादों को पूरा करने के लिए पैसे नहीं हैं, और अब राज्य के खजाने की स्थिति भी खराब हो चुकी है, जो अदालत के आदेश से साफ झलक रही है। यह टिप्पणी हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्तीय संकट और बढ़ते कर्ज पर भाजपा के द्वारा उठाए गए सवालों को और मजबूत करती है, और कांग्रेस द्वारा किए गए चुनावी वादों को लेकर भी जनता के बीच निराशा को दर्शाती है।
Road Accident: अल्मोडा में 200 मीटर गहरी खाई में गिरी बस, 36 लोगों की मौत, CM धामी ने किया मुआवजे का ऐलान