Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे को लेकर सियासी घमासान मच गया है। गठबंधन के दो प्रमुख सहयोगी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने अपने-अपने शक्ति प्रदर्शन के जरिए सीट शेयरिंग पर कड़ा रुख अपनाया है। चिराग पासवान ने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सियासी हलचल तेज कर दी है, जबकि उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी सीटें कम करने की किसी भी कोशिश को सिरे से खारिज कर दिया है। इस विवाद ने NDA के लिए सीट बंटवारे की घोषणा को जटिल बना दिया है।
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Bihar Elections: चिराग ने विधानसभा चुनाव को लेकर किया ऐलान
चिराग पासवान ने शाहाबाद में आयोजित नव संकल्प रैली में ऐलान किया कि उनकी पार्टी न केवल विधानसभा चुनाव लड़ेगी, बल्कि सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इस रैली के बाद जारी पोस्टर में नव संकल्प के साथ नव नेतृत्व का जिक्र किया गया, जिसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया। सियासी गलियारों में इस नव नेतृत्व को चिराग के मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा से जोड़कर देखा जा रहा है।
Bihar Elections: उपेंद्र कुशवाहा ने दी चेतावनी
दूसरी ओर, उपेंद्र कुशवाहा ने मुजफ्फरपुर में रैली कर चेतावनी दी कि उनकी पार्टी की सीटें कम करने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुशवाहा ने पहले ही 30 सीटों की मांग की है, जिसे BJP और JDU के लिए स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है।
Bihar Elections: चिराग और उपेंद्र के तेवर से गरमाई सियासत
NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय माना जा रहा था, जिसमें JDU को 102-103, BJP को 101-102, चिराग पासवान की LJP (रामविलास) को 25-28, जीतन राम मांझी की HAM को 6-7, और उपेंद्र कुशवाहा की RLM को 4-5 सीटें मिलने की बात सामने आई थी। हालांकि, चिराग और कुशवाहा के ताजा रुख ने इस फॉर्मूले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चिराग की 243 सीटों पर लड़ने की घोषणा को उनके विरोधी BJP के खिलाफ दबाव बनाने की रणनीति मान रहे हैं। कुछ नेताओं ने तो यह भी मांग की है कि चिराग पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दें, फिर इस तरह की घोषणाएं करें।
पप्पू यादव बोले, बीजेपी करेगी सब कुछ तय
इस बीच, बिहार की सियासत में अन्य नेताओं ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने चिराग को “मोदी जी का हनुमान” बताते हुए कहा कि BJP ही तय करेगी कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा या चिराग के। उन्होंने सवाल उठाया कि चिराग के पीछे कौन सा सियासी ताकत उन्हें उकसा रही है। वहीं, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने चिराग पर तंज कसते हुए कहा कि NDA में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का होगा। उन्होंने चिराग से पूछा कि क्या उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जो इतना बड़ा दावा कर रहे हैं।
NDA में सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर घमासान
NDA के लिए सीट बंटवारे की घोषणा अब आसान नहीं दिख रही। BJP और JDU, जो गठबंधन के प्रमुख दल हैं, पहले ही लगभग बराबर सीटों (100-103) पर सहमति बना चुके थे। लेकिन छोटे सहयोगियों, खासकर चिराग और कुशवाहा की बढ़ती मांगों ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं। चिराग की पार्टी, जिसके लोकसभा में पांच सांसद हैं, को छोटे दलों में सबसे ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी ताजा घोषणा ने गठबंधन में तनाव बढ़ा दिया है। कुशवाहा भी कुर्मी-कोइरी-कुशवाहा वोट बैंक के दम पर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में हैं, और उन्होंने BJP के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर भी निशाना साधा है।
पटना और दिल्ली में बैठकों का दौर जारी
बिहार की सियासत में जातीय समीकरण और गठबंधन की एकजुटता इस चुनाव में निर्णायक होगी। चिराग और कुशवाहा के शक्ति प्रदर्शन ने NDA के सामने एकता बनाए रखने की चुनौती खड़ी कर दी है। अगर सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनी, तो गठबंधन की राह मुश्किल हो सकती है, और विपक्षी महागठबंधन इसका फायदा उठाने की कोशिश करेगा। फिलहाल, BJP और JDU के शीर्ष नेता इस विवाद को सुलझाने के लिए पटना और दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रखे हुए हैं।
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