Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार शाम को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में, मुजफ्फरपुर के पूर्व सांसद अजय निषाद ने अपनी पत्नी रमा निषाद के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में औपचारिक रूप से वापसी की। बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पार्टी मुख्यालय में दोनों को सदस्यता ग्रहण कराई और उनका स्वागत किया। अजय निषाद का यह कदम बिहार की सियासत में निषाद समुदाय के वोटों को एकजुट करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
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Bihar Elections: अजय निषाद की भाजपा में घर वापसी
अजय निषाद एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता, जय नारायण प्रसाद निषाद, मुजफ्फरपुर से तीन बार सांसद रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। अजय निषाद स्वयं 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर मुजफ्फरपुर से लोकसभा सांसद चुने गए थे। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे और मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब उनकी भाजपा में वापसी को एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, खासकर कुढ़नी विधानसभा सीट के लिए, जहां से अजय निषाद या उनकी पत्नी रमा निषाद को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है।
Bihar Elections: बीजेपी को मिलेगा फायदा
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अजय निषाद की वापसी से निषाद समुदाय के बीच भाजपा का प्रभाव बढ़ेगा। निषाद समुदाय बिहार की कई विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है, और उनकी मौजूदगी पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकती है। दिलीप जायसवाल ने कहा, अजय निषाद का अनुभव और उनका समुदाय के बीच प्रभाव हमें मजबूती देगा। हम उनके साथ मिलकर बिहार में विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।
Bihar Elections: संतोष कुशवाहा समेत जदयू नेताओं का राजद में प्रवेश
दूसरी ओर, पूर्णिया में भी सियासी समीकरण बदलते दिखे। शुक्रवार को जनता दल (यूनाइटेड) के चार प्रमुख नेताओं ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया। इनमें पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, जदयू के पूर्व विधायक राहुल शर्मा, और बांका के वर्तमान जदयू सांसद गिरिधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश शामिल हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इन नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम सीमांचल क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करेगा।
कुशवाहा समुदाय के प्रमुख नेता हैं संतोष कुशवाहा
संतोष कुशवाहा, जो कुशवाहा समुदाय के प्रमुख नेता माने जाते हैं, ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। अब राजद में शामिल होने के बाद वह सीमांचल की राजनीति में नया रंग ला सकते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा, संतोष कुशवाहा जैसे नेताओं के आने से राजद को नई ऊर्जा मिलेगी। सीमांचल में हमारा प्रभाव पहले सीमित था, लेकिन अब हम और मजबूत होंगे।
चुनावी रणनीति और समुदायों का समीकरण
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं का दल-बदल तेज हो गया है। अजय निषाद की भाजपा में वापसी और संतोष कुशवाहा का राजद में जाना, दोनों ही पार्टियों की रणनीति का हिस्सा हैं। भाजपा निषाद समुदाय को लामबंद करने की कोशिश में है, जबकि राजद सीमांचल में कुशवाहा समुदाय के वोटों को अपनी ओर खींचना चाहता है।
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