Income Tax Return : देशभर में इन दिनों सभी टैक्सपेयर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में जुटे हुए है। आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। यदि आप भी रिटर्न फाइल करने जा रहे है तो कोई जल्दबाजी ना करें। हमेशा टैक्सपेयर को बिना टीडीएस और एआईएस के रिटर्न फाइल नहीं करना चाहिए। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटीआर भरते समय सावधानी बरतना चाहिए। गलती होने पर विभाग टैक्सपेयर को नोटिस भेज सकता है। इतना ही कर छूट दावों या किसी भी तरह से लेन-देन में अनियमितता पाए जाने पर जुर्माना भी लगा सकता है। अत: आयकर रिटर्न भरते समय इन 5 बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
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संपत्ति की खरीदारी
टैक्सपेयर ने एक वित्त वर्ष में 30 लाख रुपए या इससे ज्यादा की अचल संपत्ति कैश में खरीदे है तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को देना होगा। अगर कोई करदाता ने आईटीआर में इसका खुलासा नहीं किया तो विभाग कैश लेनदेन के बारे में पूछताछ कर सकता है। करदाता को उन पैसों के स्त्रोत की भी जानकारी देनी चाहिए।
बैंक खाते में पैसे जमा करना
अगर एक साल में किसी बैंक या को-ऑपरेटिव बैंक में 10 लाख रुपए या इससे अधिक रकम कैश जमा किया है तो उसकी विस्तृत जानकारी आईटीआर में भरना चाहिए। यदि ऐसा नहीं करते है तो करदाता आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ जाएंगे।
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान
करदाता क्रेडिट कार्ड के बिल के रूप में एक बार में एक लाख रुपए से अधिक की राशि जमा करते है तो आयकर विभाग नोटिस जारी कर विवरण मांग सकता है। इसके साथ ही एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए से अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नगद में करने पर उसका स्त्रोत बताना चाहिए।
एफडी में नगद देना
यदि करदाता ने एक साल में अपनी एफडी में 10 लाख रुपए से ज्यादा नकद में जमा करता है तो इसके जानकारी विभाग देनी चाहिए। नोटिस से बचने के लिए ऑनलाइन तरीके से एफडी में निवेश कर सकते हैं। इससे विभाग के पास आपके लेनदेन का रिकॉर्ड रहता है।
शेयर और म्यूचुअल फंडों की खरीदारी
अगर कोई टैक्पेयर शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड में नकद निवेश करते है तो उसकी जानकारी आईटीआर में देनी चाहिए। नियमानुसार एक वित्त वर्ष में इनमें 10 लाख रुपए से ज्यादा निवेश करने पर विभाग पूछताछ कर सकता है। आप पर जुर्माना भी लगा सकता है।
