Sofiya Qureshi: मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह इन दिनों एक विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए, जिसके बाद मंत्री शाह ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली है।
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Sofiya Qureshi: सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सीजेआई की नाराजगी
विजय शाह ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने एफआईआर को रद्द करने और उच्च न्यायालय की स्वत: संज्ञान कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की। जब यह मामला भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) की बेंच के समक्ष मेंशन किया गया, तो सीजेआई ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या यह कोई बयान देने का समय है? उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक उच्च पद पर बैठे व्यक्ति से इस प्रकार के बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती जब देश ऐसे नाजुक समय से गुजर रहा हो। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कोई राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई अगले दिन की जाएगी।
Sofiya Qureshi: हाई कोर्ट का सख्त रुख, एफआईआर दर्ज
इससे पहले, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मंत्री के बयान को गंभीर मानते हुए डीजीपी को चार घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने चेताया कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद इंदौर पुलिस ने बुधवार देर रात भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152, 196(1)(B) और 197(1)(C) के तहत विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
मंत्री का बयान और माफी
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब मंत्री विजय शाह ने एक जनसभा में ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कह दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए उसी समुदाय की एक बहन को भेजा।
विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों ने मांगा इस्तीफा
बयान के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त आलोचना शुरू हो गई और विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों ने मंत्री के इस्तीफे की मांग उठाई। भारी दबाव के बीच विजय शाह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा, मैं दिल से शर्मिंदा हूं और उन शब्दों के लिए माफी मांगता हूं जिनसे किसी समुदाय की भावनाएं आहत हुई हों।
उन्होंने आगे कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी ने जो सेवा देश के लिए दी है, वह उन्हें अपनी बहन से भी ऊपर मानते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी मंशा सिर्फ सेना के साहस और बलिदान को समाज के सामने सम्मानपूर्वक रखने की थी, लेकिन दुख के क्षणों में उनसे कुछ ऐसे शब्द निकल गए जो नहीं निकलने चाहिए थे।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं कई पूर्व सैन्य अधिकारियों और सामाजिक संगठनों ने कर्नल सोफिया कुरैशी का समर्थन करते हुए इस बयान को निंदनीय और भारतीय सेना का अपमान बताया है।
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