MP Govt: मध्य प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मोहन यादव सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य सरकार के मंत्री रोज़ाना दो घंटे भाजपा कार्यालय में मौजूद रहेंगे, जहां वे पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनेंगे और उनके समाधान की दिशा में काम करेंगे। इस नई व्यवस्था को एक राजनीतिक नवाचार माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य मैदान स्तर पर कार्यकर्ताओं को सीधे प्रशासन से जोड़ना है।
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MP Govt: CM मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल के बीच हुई अहम बैठक
इस फैसले की रूपरेखा मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में तय की गई। बैठक में इस पर सहमति बनी कि मंत्री रोज दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में नियमित रूप से बैठेंगे। इसी के साथ इस पहल की औपचारिक शुरुआत भी सोमवार से हो गई। पहले दिन उप मुख्यमंत्री जगदी देवड़ा और मंत्री गौतम टेटवाल ने कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं से उनकी समस्याएं सुनीं।
MP Govt: सत्ता और संगठन दोनों का समन्वय ज़रूरी, उप मुख्यमंत्री देवड़ा
मीडिया से बातचीत में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि यह व्यवस्था मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल के बीच विचार-विमर्श के बाद बनाई गई है ताकि सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके। उन्होंने कहा, ‘पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सरकार के मंत्रीगण हर दिन दो घंटे नियमित रूप से बैठेंगे। सोमवार को मैं और गौतम टेटवाल दोनों बैठे थे। कार्यकर्ताओं से सीधे मुलाकात कर उनकी समस्याओं को समझने का यह बेहतरीन माध्यम है।
MP Govt: कार्यकर्ताओं को मिलेगा सीधा मंच, छोटे–बड़े मुद्दों का होगा निपटारा
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बताया कि मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कार्यकर्ता भोपाल आते हैं और मंत्रियों से मुलाकात करना चाहते हैं, लेकिन समय की कमी या अन्य कारणों से यह संभव नहीं हो पाता था। नई व्यवस्था उन्हें एक निश्चित समय और जगह उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की समस्याएँ अलग–अलग प्रकार की होती हैं— जिले की विकास संबंधी समस्याएँ, व्यक्तिगत मुद्दे, संगठनात्मक चुनौतियाँ, विभागीय कार्यों से जुड़ी दिक्कतें। अब वे कार्यालय में मंत्री के सामने बैठकर सीधे अपनी बात रख सकेंगे।
MP Govt: समस्याओं की लिस्ट बनेगी, विभागों से होगा फॉलोअप
देवड़ा ने बताया कि कार्यालय में आने वाली समस्याओं को सूचीबद्ध किया जाएगा और उनकी श्रेणियों के अनुसार संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। मंत्री स्वयं इन मामलों का फॉलोअप भी करेंगे, ताकि कार्यकर्ताओं को समय पर समाधान मिल सके। उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी कोशिश होगी कि कार्यकर्ताओं के कार्यों की स्थिति की जानकारी उन्हें लगातार उपलब्ध कराई जाए। अगर काम पूरा हो जाता है तो उन्हें इसकी जानकारी भी दी जाएगी। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करने का भी एक तरीका है।’
MP Govt: पार्टी के भीतर व्यवस्था को मिला समर्थन, कार्यकर्ताओं में उत्साह
इस नई पहल को भाजपा के भीतर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह निर्णय उन्हें सीधे सरकार से जोड़कर उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देता है। पहले ही दिन बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उप मुख्यमंत्री और मंत्री से मिलने पहुंचे। कई ने अपनी समस्याएं बताईं, कुछ ने स्थानीय विकास कार्यों को लेकर सुझाव भी दिए। इससे प्रदेश कार्यालय में हलचल और ऊर्जा देखने को मिली।
राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण कदम, विपक्ष की नजर भी इस पर
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025–26 के राजनीतिक माहौल में भाजपा का यह कदम अपने संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रेरित रखने की रणनीति का हिस्सा है। चूंकि कार्यकर्ता ही पार्टी का आधार स्तंभ होते हैं, इसलिए यह पहल उनकी भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाती है। वहीं, यह भी देखा जाएगा कि आगे चलकर विपक्ष इस व्यवस्था पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और इसे किस नजरिये से देखता है।
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