Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब चार दशक पहले हुए यूनियन कार्बाइड हादसे के बाद जमा रासायनिक कचरे को धार जिले के पीथमपुर में जलाया जा रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भोपाल में कांग्रेस ने मौत बांटी थी।
भोपाल के यूनियन कार्बाइड संयंत्र में वर्षों से जमा रासायनिक कचरे को कंटेनरों के माध्यम से धार जिले के पीथमपुर स्थित रामकी कंपनी में भेजा गया है। न्यायालय के निर्देशों के आधार पर शुक्रवार से इसे जलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रशासन का दावा है कि कचरा निपटान की एक तय प्रक्रिया अपनाई जा रही है, ताकि कोई पर्यावरणीय संकट न उत्पन्न हो।
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पीथमपुर में शुरू हुआ कचरा निपटान
हालांकि, कांग्रेस इस कदम का विरोध कर रही है। पार्टी का आरोप है कि इस कचरे के जलाए जाने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है और स्थानीय निवासियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री का कांग्रेस पर हमला
विपक्ष के सवालों पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी जितनी समझ रखते हैं, उसी स्तर पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय से इस प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट निर्देश मिले हैं। भोपाल गैस त्रासदी में दस लाख से अधिक लोगों की जान गई, यह कांग्रेस के तत्कालीन प्रशासन की लापरवाही का परिणाम था। कांग्रेस ने भोपाल में मौत बांटी थी।”
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों तक पार्टी ने इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज किया और अब जब वैज्ञानिक प्रक्रिया से कचरे का निपटान हो रहा है, तो डर का माहौल बना रही है। उन्होंने कांग्रेस से माफी मांगने की मांग की।
कांग्रेस का पलटवार
मुख्यमंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार को चुनौती देता हूं कि यदि यूनियन कार्बाइड के कचरे में जहर नहीं है, तो रामकी कंपनी के आसपास 10 किलोमीटर के क्षेत्र में पानी की जांच करवाई जाए। यदि कैंसर के तत्व नहीं पाए गए, तो मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांग लूंगा।
उन्होंने सरकार पर जनभावना की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा, कोर्ट के आदेश की आड़ लेकर सरकार भोपाल और इंदौर की जनता को गंभीर खतरे में डाल रही है। आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। भाजपा ने इंदौर से कई विधायक, सांसद और महापौर बनाए, लेकिन बदले में शहर को जहर दे रही है।
सियासी बहस और जनता की चिंता
यूनियन कार्बाइड हादसे का दंश झेल चुके भोपाल और अब पीथमपुर में रहने वाले लोग इस पूरे घटनाक्रम से चिंतित हैं। जहां सरकार इसे वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत सुरक्षित निपटान बता रही है, वहीं कांग्रेस इसके दुष्प्रभावों को लेकर सवाल उठा रही है। स्थानीय लोगों में भी इसे लेकर मिलाजुला रुख है।
एनएचएम की नवीन संविदा नीति में कर्मचारियों के हित को प्राथमिकता: राजेंद्र शुक्ल
मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की संविदा कर्मचारी नीति 2025 लागू की गई है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि यह नीति संविदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देती है, जिससे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्थायित्व आएगा और कार्य वातावरण बेहतर होगा। इस नीति से 32,000 संविदा कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे, जबकि उनके परिवारों सहित 1.5 लाख लोग इससे लाभ पाएंगे। सरकार का दावा है कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
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