Ken-Betwa River Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने देश की बड़ी नदी परियोजनाओं का श्रेय डॉ. भीमराव अंबेडकर को दिया और कहा कि आज़ादी के बाद की जल घाटी परियोजनाओं के पीछे उनका विजन था। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि डॉ. अंबेडकर ने भारत के जल संसाधनों के विकास और उनका सही उपयोग करने के लिए दूरदर्शिता दिखाई थी, जो आज के जल संरक्षण प्रयासों को प्रभावित कर रही है।
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पीएम मोदी ने किया केन बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के शिलान्यास के दौरान मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया।
अटल बिहारी वाजपेयी पर डाक टिकट और स्मारक सिक्का:
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर उनकी महानता और योगदान को सम्मानित करने के लिए एक डाक टिकट जारी किया। यह डाक टिकट उनके जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्यों की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रतीक है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक स्मारक सिक्का भी जारी किया, जिसे अटल जी के योगदान और भारतीय राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद करने के लिए जारी किया गया है। यह सिक्का भारतीय राजनीति के एक महान नेता के सम्मान में एक स्थायी धरोहर बनेगा।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जहां भी कांग्रेस की सरकार है, वहां सुशासन का कोई अस्तित्व नहीं हो सकता। उनका कहना था कि बुंदेलखंड के लोग दशकों से पानी की कमी और जल संकट का सामना कर रहे हैं, और यह समस्या कांग्रेस की सरकारों के समय में और बढ़ी थी। उन्होंने कहा, यहां के किसान और महिलाएं बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करते रहे, क्योंकि कांग्रेस ने कभी इस जल संकट के स्थायी समाधान पर विचार नहीं किया।
कांग्रेस ने बाबा साहब को क्रेडिट नहीं दिया
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आजादी के बाद, जल संरक्षण और जल संसाधन के क्षेत्र में किसी एक महापुरुष को क्रेडिट देना है तो वह डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर ने जल घाटी परियोजनाओं और जल संरक्षण के लिए जो दूरदर्शिता और प्रयास किए, उनके बिना ये सब संभव नहीं हो सकता था। यहां तक कि केंद्रीय जल आयोग की स्थापना और पानी के लिए बांधों का निर्माण भी बाबासाहेब के प्रयासों का ही परिणाम था।
अंबेडकर के प्रयासों को किया नजरअंदाज
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कभी डॉ. अंबेडकर के योगदान को सही से पहचाना नहीं और जल संरक्षण के लिए उनके प्रयासों को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर के विजन की बदौलत ही आज हमारे पास जल संसाधन और जल के लिए समर्पित संस्थाएं हैं। इस प्रकार, मोदी ने कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए बाबासाहेब की भूमिका को स्पष्ट किया और जल संकट के समाधान के लिए उनके योगदान को सही तरीके से स्वीकार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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