14.1 C
New Delhi
Thursday, January 16, 2025
Homeमध्यप्रदेशBhojshala Survey: एएसआई ने सौंपी 2000 पन्नों की रिपोर्ट, 94 देवी-देवताओं की...

Bhojshala Survey: एएसआई ने सौंपी 2000 पन्नों की रिपोर्ट, 94 देवी-देवताओं की टूटी मिलीं मूर्तियां

Bhojshala Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मध्य प्रदेश में धार में स्थित भोजशाला की 2,000 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ को सौंप दी।

Bhojshala Survey: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मध्य प्रदेश में धार में स्थित भोजशाला की 2,000 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ को सौंप दी। इससे पहले दो जुलाई को भोजशाला के 98 दिन के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई थी। सर्वे रिपोर्ट पर सुनवाई 22 जुलाई को होगी। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में भोजशाला के खंभों पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों और निशान का जिक्र किया है। सर्वे के दौरान श्रीकृष्ण, शिव, जटाधारी भोलेनाथ, ब्रह्मा समेत 94 देवी-देवताओं की क्षतिग्रस्त मूर्तियां मिलीं।

10वीं सदी के मिले चांदी और तांबे के सिक्के

एएसआई ने रिपोर्ट में बताया कि परिसर से चांदी, तांबे, एल्यूमीनियम और स्टील के 31 सिक्के मिले है। इन्हें 10वीं सदी का बताया गया। यह दावा भी किया गया कि कुछ सिक्के उस समय के हैं, जब परमार राजा धार से मालवा में शासन कर रहे थे।

हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ था सर्वे

इंदौर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को धार भोजशाला का एएसआइ की देख-रेख में वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे 22 मार्च से 27 जून तक 98 दिन चला। सर्वे के दौरान एएसआई ने खुदाई भी की। पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। एएसआई ने अलग-अलग तरह के करीब 1,700 पुरावशेष जमा किए। इनमें भोजशाला की दीवार, पिलर और देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं।

जानिए एएसआई को क्या-क्या मिला

सर्वे के दौरान एएसआई को मूर्तिकला के टुकड़ों और चित्रण के साथ वास्तुशिल्प भी मिले। खंभों पर शेर, हाथी, घोड़ा, श्वान, बंदर, सांप, कछुआ, हंस आदि उकेरे गए थे। खिड़कियों, खंभों और बीमों पर चार सशस्त्र देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई थीं। गणेश, ब्रह्मा, नृसिंह, भैरव, मानव और पशु आकृतियां भी मिली हैं।

जानिए क्या है इसका इतिहास

धार जिले की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक राजा भोज (1000-1055 ई.) परमार राजवंश के सबसे बड़े शासक थे। यहां 11वीं शताब्दी में परमार वंश का राज था। उन्होंने धार में यूनिवर्सिटी की स्थापना की। इसे बाद में भोजशाला के रूप में पहचाना जाने लगा। अलाउद्दीन खिलजी ने 1305 ईस्वी में भोजशाला को नष्ट कर दिया था। दिलावर खान गौरी ने 1401 ईस्वी में भोजशाला के एक हिस्से में मस्जिद का निर्माण कराया। यहां 1875 में खुदाई पर मां सरस्वती की मूर्ति निकली थी। ऐसा कहा जाता है कि इसे अंग्रेज अपने साथ लंदन ले गए थे।

हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के अपने-अपने दावे

हिंदू पक्ष भोजशाला के सरस्वती मंदिर होने का दावा करता है तो मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद बता रहे है। फिलहाल भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन है। इसका संरक्षण एएसआई करता है। एएसआई के सात अप्रेल, 2003 के आदेश के मुताबिक हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा की अनुमति है। मुस्लिमों को हर शुक्रवार नमाज अदा करने की इजाजत दी गई।

RELATED ARTICLES
New Delhi
mist
14.1 ° C
14.1 °
14.1 °
82 %
0kmh
4 %
Thu
17 °
Fri
22 °
Sat
23 °
Sun
24 °
Mon
24 °

Most Popular