Train Accident: रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय तब बन गया जब दिल्ली के आनंद विहार से पुरी (ओडिशा) जा रही नंदन कानन एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12876) हादसे का शिकार हो गई। ट्रेन पहले से ही अपने निर्धारित समय शाम 6:25 बजे से तीन घंटे की देरी से चल रही थी। जब यह ट्रेन रात करीब 9:30 बजे पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन से निकली, तो कुछ ही किलोमीटर बाद एक तकनीकी खराबी के कारण यह दो हिस्सों में बंट गई।
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Train Accident: कैसे हुआ हादसा?
जैसे ही ट्रेन डीडीयू जंक्शन से लगभग 6 किलोमीटर आगे बढ़ी, यात्रियों को अचानक झटके महसूस हुए। देखते ही देखते ट्रेन दो भागों में विभाजित हो गई। स्लीपर कोच S4 का कपलिंग (जिससे डिब्बे एक-दूसरे से जुड़े होते हैं) टूट गया। इसका परिणाम यह हुआ कि ट्रेन का अगला हिस्सा, जिसमें इंजन और छह कोच शामिल थे, आगे बढ़ता गया, जबकि 15 बोगियां पीछे रह गईं।
पीछे छूटे हुए डिब्बों में एसी कोच, स्लीपर कोच और गार्ड वैन भी शामिल थे। गनीमत रही कि ट्रेन की रफ्तार उस वक्त धीमी थी, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और सभी यात्री सुरक्षित रहे।
Train Accident: रेलवे प्रशासन हुआ अलर्ट
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे कंट्रोल रूम में हड़कंप मच गया। रेलवे इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। ट्रेन के दोनों हिस्सों को वापस डीडीयू जंक्शन पर लाया गया, जहां प्लेटफॉर्म नंबर 7 और 8 पर दोनों हिस्सों को रोककर जांच की गई।
फ्लडलाइट्स की रोशनी में ट्रेन के हर हिस्से की गहन जांच की गई। रेलवे अधिकारियों ने पाया कि S4 स्लीपर कोच की कपलिंग पूरी तरह से टूट चुकी थी और वह आगे की यात्रा के लिए अनुपयुक्त थी। इसे ट्रेन से अलग कर दिया गया और उसमें सवार यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट कर दिया गया। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेन के दोनों हिस्सों को फिर से जोड़ा गया और यात्रा फिर से शुरू की गई।
Train Accident: बिहार में भी टला बड़ा हादसा
एक और बड़ा ट्रेन हादसा बिहार के मोतिहारी जिले में होते-होते बचा। हावड़ा से रक्सौल जा रही मिथिला एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर एक बाइक फंसने के कारण दुर्घटना का शिकार होने वाली थी, लेकिन ड्राइवर की सतर्कता ने इसे टाल दिया।
Train Accident: रेलवे ट्रैक पर फंसी बाइक
मिथिला एक्सप्रेस जब रक्सौल नहर रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंची, तो वहां एक व्यक्ति अवैध रूप से रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान उसकी बाइक पटरियों में फंस गई। व्यक्ति ने बाइक हटाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुआ। इस बीच ट्रेन तेज रफ्तार से आ रही थी और उसने कई बार हॉर्न बजाया, मगर बाइक सवार ट्रैक से अपनी बाइक हटा नहीं पाया और खुद वहां से भाग निकला।
ड्राइवर ने दिखाई सूझबूझ
जब ट्रेन के ड्राइवर ने देखा कि बाइक ट्रैक पर ही पड़ी है, तो उन्होंने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाए। ट्रेन कुछ ही दूरी पर रुक गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, ट्रेन रुकने से पहले बाइक कुछ दूर तक घसीटी गई, लेकिन ट्रेन के पटरी से उतरने जैसी कोई घटना नहीं हुई। ड्राइवर ने इस घटना की सूचना तुरंत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को दी। स्थानीय लोगों की मदद से बाइक को ट्रैक से हटाया गया और उसके बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया।
यात्रियों में दहशत, लेकिन राहत भी
इन दोनों घटनाओं के कारण यात्रियों में दहशत का माहौल रहा, लेकिन सभी ने राहत की सांस ली कि किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। नंदन कानन एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों ने बताया कि जब ट्रेन दो हिस्सों में बंटी, तो एक पल के लिए भय का माहौल बन गया। कई यात्री तुरंत खिड़कियों से बाहर झांकने लगे, वहीं कुछ ने चेन खींचकर ट्रेन को रोकने की कोशिश की।
वहीं, मिथिला एक्सप्रेस के यात्रियों ने भी ट्रेन ड्राइवर की सतर्कता की प्रशंसा की और कहा कि अगर ड्राइवर ने सही समय पर ब्रेक नहीं लगाए होते, तो हादसा बहुत गंभीर हो सकता था।
रेलवे विभाग ने दिए जांच के आदेश
इन दोनों घटनाओं के बाद रेलवे प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। नंदन कानन एक्सप्रेस की कपलिंग टूटने की घटना को लेकर जांच कमेटी बनाई गई है, जो जांच कर यह पता लगाएगी कि कपलिंग में कोई तकनीकी खामी थी या फिर रखरखाव में कोई लापरवाही हुई थी।
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