Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की हिरासत में भेज दिया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने देर रात तक चली सुनवाई के बाद राणा को 18 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। एनआईए ने कोर्ट से 20 दिन की हिरासत मांगी थी, जिसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 18 दिन की अनुमति दी।
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Tahawwur Rana: देर रात 2 बजे के बाद आया कोर्ट का फैसला
64 वर्षीय राणा को गुरुवार रात भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। इस दौरान एक जेल वैन, स्वाट बख्तरबंद वाहन और एंबुलेंस सहित एक बड़ा काफिला कोर्ट परिसर पहुंचा। कोर्ट के आदेश के बाद राणा को कड़ी सुरक्षा में एनआईए मुख्यालय ले जाया गया, जहां उसे ग्राउंड फ्लोर पर बने लॉकअप में रखा गया है। शुक्रवार सुबह से ही एनआईए की विशेष टीम ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है, जो मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर स्थित पूछताछ कक्ष में हो रही है।
Tahawwur Rana: ईमेल और आतंकी नेटवर्क से जुड़े सबूतों पर पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए के पास राणा के खिलाफ कई अहम ईमेल और इलेक्ट्रॉनिक सबूत हैं, जिनके आधार पर उससे पूछताछ की जा रही है। एजेंसी का मानना है कि तहव्वुर राणा से पूछताछ 26/11 हमले की गहरी साजिश और उसके पीछे के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को बेनकाब करने में अहम साबित होगी।
Tahawwur Rana: कई सालों बाद भारत के हाथ लगा राणा
एनआईए ने कहा कि राणा की गिरफ्तारी और भारत में प्रत्यर्पण कई वर्षों की कठिन कानूनी प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय समन्वय का परिणाम है। अमेरिकी न्याय विभाग (USDJ), अमेरिकी स्काई मार्शल और भारतीय खुफिया एजेंसियों के सहयोग से यह प्रत्यर्पण संभव हुआ। विशेष रूप से डेविड हेडली, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान जैसे आतंकियों के साथ राणा के संबंधों की गहन जांच की जा रही है।
डेविड हेडली के ईमेल से खुली राणा की भूमिका
पीटीआई के अनुसार, एनआईए ने अदालत को बताया कि राणा की भूमिका सिर्फ लॉजिस्टिक सपोर्ट तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने डेविड हेडली के साथ हमले की योजना में भी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। हेडली ने भारत आने से पहले राणा को संपत्तियों, यात्रा योजनाओं और संभावित जोखिमों की जानकारी दी थी। साथ ही पाकिस्तान स्थित आतंकियों की भूमिका के बारे में भी अवगत कराया था।
अदालत ने कानूनी सहायता दी
कोर्ट ने जब राणा से उसके वकील के बारे में पूछा, तो उसने जवाब दिया कि उसके पास वकील नहीं है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को उसकी कानूनी सहायता के लिए नियुक्त किया। एनआईए की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने अदालत में पक्ष रखा।
प्रत्यर्पण रोकने की हर कोशिश नाकाम
तहव्वुर राणा ने अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए अमेरिका में कई कानूनी प्रयास किए। 16 मई 2023 को कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ राणा ने नौवीं सर्किट अपील कोर्ट, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं, और सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन अर्जी तक दाखिल की, लेकिन सभी प्रयास असफल रहे।
मुंबई हमले में गई थी 166 लोगों की जान
राणा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर 166 लोगों की जान लेने वाले 26/11 मुंबई हमलों की साजिश रची थी। मरने वालों में अमेरिका, इजरायल और ब्रिटेन के नागरिक भी शामिल थे।
एनआईए की इस कार्रवाई को आतंकी नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कदम माना जा रहा है, जिससे 26/11 जैसे भीषण हमले की गहराई से साजिश और जिम्मेदारों को उजागर किया जा सके। एनआईए ने स्पष्ट किया है कि वह राणा से पूछताछ के जरिए संपूर्ण आतंकी तंत्र का पर्दाफाश करने की दिशा में काम कर रही है।
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