31.1 C
New Delhi
Wednesday, July 9, 2025
HomeदेशNew Justice Statue: ‘कानून अब अंधा नहीं होगा’, न्याय की देवी की...

New Justice Statue: ‘कानून अब अंधा नहीं होगा’, न्याय की देवी की नई मूर्ति में आंखों से पट्टी हटी, हाथ में तलवार की जगह संविधान

New Justice Statue: सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड के आदेश पर न्याय की देवी की मूर्ति में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं।

New Justice Statue: सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड के आदेश पर न्याय की देवी की मूर्ति में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। नई मूर्ति में आंखों पर पट्टी नहीं है, और एक हाथ में तराजू के साथ दूसरे हाथ में भारत का संविधान है, जो परंपरागत तलवार के बजाय है। यह बदलाव न्याय की दृश्यता और संविधान के प्रति सम्मान को दर्शाते हैं। इस मूर्ति को सुप्रीम कोर्ट की जजों की लाइब्रेरी में स्थापित किया गया है।

न्याय की देवी की नई मूर्ति में आंखों से पट्टी हटी

न्याय की देवी की मूर्ति की आंखों पर बंधी पट्टी को हटाने से यह संदेश दिया गया है कि कानून अंधा नहीं है। पहले, यह पट्टी न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता का प्रतीक थी, जो दर्शाती थी कि अदालतें किसी के चेहरे को देखकर फैसला नहीं सुनातीं। नए बदलाव के साथ, मूर्ति का स्वरूप न्याय के प्रति अधिक जागरूकता और संवैधानिक मूल्यों की ओर इशारा करता है।

हाथ में तलवार की जगह संविधान

न्याय की देवी की मूर्ति में तलवार को हटाकर संविधान रखा गया है, जो यह दर्शाता है कि हर आरोपी के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। यह बदलाव ब्रिटिश काल से चली आ रही मूर्तियों में न्यायपालिका की छवि को आधुनिक समय के अनुरूप ढालने का प्रयास है। इस प्रकार के परिवर्तन से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि न्याय की प्रक्रिया अब अधिक लोकतांत्रिक और संवैधानिक है।

न्याय की देवी की नई मूर्ति में क्या कुछ खास है?

न्याय की देवी की नई मूर्ति में कई खास विशेषताएं हैं। ये बदलाव भारतीयता के प्रतीक हैं और न्याय के प्रति एक सकारात्मक संदेश भेजते हैं।

  • पूरी मूर्ति सफेद रंग की है।
  • न्याय की देवी को भारतीय परिधान में साड़ी पहने दर्शाया गया है।
  • उनके सिर पर सुंदर मुकुट है, माथे पर बिंदी और कान-गले में पारंपरिक आभूषण हैं।
  • न्याय की देवी के एक हाथ में तराजू है।
  • दूसरे हाथ में संविधान पकड़े दिखाया गया है।

न्यायपालिका की छवि को आधुनिक समय के अनुरूप ढालने का प्रयास

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड ने न्यायिक प्रक्रिया में अंग्रेजों के जमाने की परंपराओं को बदलकर भारतीयता का रंग घोलने का प्रयास किया है। न्याय की देवी की मूर्ति में किए गए बदलाव संविधान में समानता के अधिकार को जमीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन परिवर्तनों का चौतरफा स्वागत किया जा रहा है, जिससे न्यायपालिका की छवि को आधुनिक समय के अनुरूप ढालने का प्रयास स्पष्ट होता है।

‘लेडी जस्टिस’ के नाम से जानी है अदालतों रखी मूर्ति

‘लेडी जस्टिस’ के नाम से जानी जाने वाली न्याय की देवी की मूर्ति में अब तक आंखों पर काले रंग की पट्टी, एक हाथ में तराजू, और दूसरे हाथ में तलवार हुआ करती थी। हालिया बदलावों में यह पट्टी हटा दी गई है, और तलवार की जगह संविधान रखा गया है। यह परिवर्तन न्याय की दृष्टि और संविधान में निहित समानता के अधिकार को प्रकट करता है।

RELATED ARTICLES
New Delhi
heavy intensity rain
31.1 ° C
31.1 °
31.1 °
77 %
2.2kmh
99 %
Wed
29 °
Thu
29 °
Fri
37 °
Sat
38 °
Sun
37 °

Most Popular