India Rejects Trump Claims: भारत सरकार ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दो बयानों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, जिनमें उन्होंने कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की थी और भारत-पाकिस्तान के बीच हुई हालिया सीजफायर को अमेरिका की व्यापार धमकी से जोड़ा था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ सभी मसले द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाएंगे, और अमेरिका द्वारा कोई मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है।
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ट्रंप का दावा नंबर 1: कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 11 मई को कहा था कि,
“मैं दोनों देशों के साथ काम करूँगा ताकि एक हज़ार साल से चले आ रहे कश्मीर विवाद का कोई समाधान निकाला जा सके।”
इस बयान के तुरंत बाद भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा:
“कश्मीर पर भारत की स्थिति स्पष्ट और अटल है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका की कोई संभावना नहीं है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। भारत केवल पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर बात करने को तैयार है।”
यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने कश्मीर पर इस तरह का दावा किया हो। इससे पहले भी वे 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान से बात करने की बात कह चुके हैं, जिसे भारत ने तब भी खारिज किया था।
ट्रंप का दावा नंबर 2: व्यापार रोकने की धमकी के बाद सीजफायर
ट्रंप ने 12 मई को कहा था कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं को उन्होंने चेतावनी दी थी –
“अगर आप सीजफायर पर सहमत होते हैं तो अमेरिका व्यापार में मदद करेगा। अगर नहीं हुए, तो व्यापार नहीं होगा।”
इस पर भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि सीजफायर का अमेरिका की व्यापार नीति से कोई लेना-देना नहीं है। प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा:
“7 मई से 10 मई के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच सैन्य स्थिति पर चर्चा हुई थी, लेकिन किसी भी बातचीत में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत ने पाकिस्तान की ओर से 9 मई को की गई उकसावे वाली कार्रवाई को जवाब दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने डीजीएमओ स्तर की वार्ता की पेशकश की, जिसमें 10 मई को सीजफायर तय हुआ।
विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता से 4 बड़े अपडेट
1. TRF को UNSC में आतंकी घोषित कराने की तैयारी
प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकी संगठन घोषित कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। TRF ने हालिया आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है और यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। भारत ने इस संबंध में सबूत और ब्रीफिंग 7 बार की हैं।
2. पाकिस्तान हर युद्ध के बाद करता है ढोल पीटना
रंधीर जायसवाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नुकसान पहुँचाया। पाकिस्तान की परियोजनाएं भी प्रभावित हुईं। 9 मई की रात पाकिस्तान ने एयरबेस पर हमला करने की कोशिश की जिसे नाकाम कर दिया गया। इसके बाद पाकिस्तान DGMO स्तर की बात के लिए मजबूर हुआ।
3. BSF जवान की रिहाई पर रक्षा मंत्रालय काम कर रहा
बीएसएफ कांस्टेबल बीके साहू पिछले 20 दिनों से पाकिस्तान की हिरासत में हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इस पर सेना और रक्षा मंत्रालय गंभीरता से काम कर रहे हैं। फिलहाल इस विषय पर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
4. बांग्लादेश में लोकतंत्र पर खतरा
बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पर लगाए गए प्रतिबंध पर भारत ने चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वहां राजनीतिक गतिविधियों की स्वतंत्रता पर रोक लगाई जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की बात है। भारत चाहता है कि बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव हों।
ByNews-View: भारत की स्पष्ट विदेश नीति
भारत ने कश्मीर और सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। यह संदेश न केवल अमेरिका को, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की स्पष्ट विदेश नीति का परिचायक है – “भारत अपने आंतरिक और द्विपक्षीय मसलों में किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।”
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