India-Pak flag meeting: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक अहम फ्लैग मीटिंग आयोजित की गई। यह बैठक जिले के चकन दा बाग नियंत्रण रेखा क्रॉसिंग प्वाइंट पर ब्रिगेडियर स्तर पर हुई, जो लगभग 75 मिनट तक चली। हाल ही में एलओसी पर हुई गोलीबारी और आईईडी विस्फोट की घटनाओं के मद्देनजर तनाव कम करने के उद्देश्य से इस बैठक का आयोजन किया गया था।
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एलओसी पर तनावपूर्ण घटनाएं
एलओसी पर बीते दिनों में तनावपूर्ण घटनाएं सामने आई थीं। 11 फरवरी को अखनूर सेक्टर में एक आईईडी विस्फोट में एक भारतीय सेना के कैप्टन समेत दो जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा, पुंछ और राजौरी जिलों में सीमा पार से हुई गोलीबारी में दो अन्य भारतीय जवान घायल हुए। इन घटनाओं के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की ओर भी कुछ लोग हताहत हुए हैं।
घुसपैठ सहित कई मुद्दों पर सहमति
अधिकारियों के अनुसार, फ्लैग मीटिंग का मुख्य उद्देश्य सीमा पर शांति बहाल करना था। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि सीमाओं पर शांति और सौहार्द बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। बैठक के दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने पर सहमति व्यक्त की। वर्ष 2021 में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद एलओसी पर तनाव में काफी कमी आई थी, लेकिन हालिया घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी थी। ऐसे में इस बैठक को दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
सुरक्षा तैयारियां और निगरानी बढ़ी
फ्लैग मीटिंग के बावजूद, भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने एलओसी और भीतरी इलाकों में चौकसी और कड़ी कर दी है। जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी कम होने के कारण इस सर्दी में पारंपरिक घुसपैठ के रास्ते खुले हुए हैं, जिससे सुरक्षा बलों की सतर्कता और बढ़ गई है। सुरक्षा एजेंसियां तकनीकी निगरानी, गश्त और अन्य उपायों के माध्यम से किसी भी संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठकें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए दो महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की। इन बैठकों में उन्होंने सुरक्षा बलों को शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के निर्देश दिए। अमित शाह ने कहा कि देश की एकता और अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उधर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी श्रीनगर और जम्मू में सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की। उन्होंने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए आतंकवादियों, उनके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
शांति कायम रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर यह फ्लैग मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण घटनाएं बढ़ रही थीं। हालांकि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और संघर्ष विराम बनाए रखने पर सहमति बनी, लेकिन सीमा पर सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा रही है। दोनों देशों के बीच संवाद की यह पहल क्षेत्र में शांति कायम रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
अमित शाह और मनोज सिन्हा ने की जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा समीक्षा बैठकें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर दो महत्वपूर्ण समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की। इन बैठकों में शाह ने घाटी से आतंकवाद के पूरी तरह सफाए की बात कही और सुरक्षा बलों को शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी श्रीनगर और जम्मू में दो सुरक्षा बैठकों का नेतृत्व किया। सिन्हा ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से आतंकवादियों को निशाना बनाकर आतंकी तंत्र को जड़ से खत्म करने के आदेश दिए।
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