Electoral Bonds: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के अनुपालन में मंगलवार को चुनावी बांड से संबंधित सभी डेटा भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंप दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने एसबीआई को 11 मार्च को फटकार लगाते हुए चुनावी बॉन्ड संबंधी जानकारी देने के लिए समयसीमा को बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया था। कोर्ट ने एसबीआई 12 मार्च को कामकाजी घंटे खत्म होने तक इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को देने का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एसबीआई ने मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा चुनाव आयोग को भेज दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी एसबीआई को राहत
बता दे कि एक दिन पहले यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें राजनीतिक दलों के प्रत्येक चुनावी बॉन्ड का ब्योरा देने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ाने की अपील की थी। शीर्ष कोर्ट ने इस याचिका पर खारिज कर दिया था। इसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने एसबीआई को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि आज यानी मंगलवार तक जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने के लिए कहा था।
15 मार्च तक चुनावी चंदा करेगा सार्वजनिक आयोग
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिए है कि एसबीआई द्वारा पेश किए गए आंकड़ों को 15 मार्च को शाम पांच बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट करें। एसबीआई ने तो अपना काम कर दिया है। अब एसबीआई द्वारा दिया गया डेटा चुनाव आयोग को 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना है।
एससीबीए ने राष्ट्रपति को भी लिखा पत्र
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष अदिश सी अग्रवाल ने चुनावी बॉन्ड पर फैसले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। राष्ट्रपति को लिखे लेटर में वरिष्ठ वकील अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू को चुनावी बॉन्ड योजना पर अदालत के फैसले पर रोक लगानी चाहिए। हालांकि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई के अनुरोध को ठुकराते हुए मंगलवार शाम तक चुनाव आयोग को पूरी जानकारी पेश करने के लिए कहा था।