Delhi Fire: नई दिल्ली के आनंद विहार इलाके में सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात भीषण आग लगने से तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना में केवल एक मजदूर किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा। यह हादसा देर रात करीब सवा 2 बजे एजीसीआर एन्क्लेव केंद्रीय विद्यालय के पास स्थित झुग्गी बस्ती में हुआ। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आधे घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया, लेकिन तब तक तीन मजदूरों की जलकर मौत हो चुकी थी।
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Delhi Fire: कैसे हुआ हादसा?
आग लगने की यह घटना आनंद विहार के डीडीए प्लॉट में स्थित झुग्गी में हुई, जहां चार मजदूर अस्थायी टेंट में रह रहे थे। आग इतनी तेजी से फैली कि मजदूरों को भागने का मौका नहीं मिला। मौके से मिले तीन शवों की पहचान 34 वर्षीय जग्गी कुमार (निवासी बांदा, यूपी), 36 वर्षीय श्याम सिंह (निवासी औरैया, यूपी) और 35 वर्षीय कांता प्रसाद (निवासी औरैया, यूपी) के रूप में हुई।
टेंट में रहने वाले चौथे मजदूर, 32 वर्षीय नितिन सिंह (निवासी विजय नगर, गाजियाबाद), किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहे। उनके अनुसार, रात करीब 2 बजे श्याम सिंह ने टेंट में आग देखी और सबको जगाने की कोशिश की। उन्होंने बाहर निकलने के लिए दरवाजे का ताला खोलने की कोशिश भी की, लेकिन आग की तीव्रता के कारण सफल नहीं हो सके। वहीं, नितिन किसी तरह भागने में सफल रहे, हालांकि उनके पैर में चोट आई और वह मामूली रूप से झुलस भी गए।
Delhi Fire: डीजल लैंप बना हादसे की वजह?
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मजदूर झुग्गी में रोशनी के लिए लालटेन का उपयोग कर रहे थे। उन्होंने कूलर स्टैंड पर डीजल की डिब्बी रखी थी और टेंट के गेट पर ताला लगा दिया था। आग लगने के बाद झुग्गी से बाहर निकलना मुश्किल हो गया, जिससे तीन मजदूरों की मौत हो गई।
Delhi Fire: गैस सिलेंडर भी फट गया
घटना के दौरान झुग्गी में रखा एक गैस सिलेंडर भी फट गया, जिससे आग और भड़क गई। पुलिस और फोरेंसिक टीम इस बात की जांच कर रही है कि आग डीजल लैंप से लगी थी या किसी अन्य कारण से।
Delhi Fire: दमकल विभाग और पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया। आग बुझाने के बाद मलबे से तीन जले हुए शव बरामद हुए। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भेज दिया गया है।
आग लगने के कारणों की जांच के लिए पुलिस, फायर ब्रिगेड, क्राइम ब्रांच और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया। आनंद विहार थाना पुलिस ने नितिन सिंह, मजदूर जीतेंद्र और मृतक मजदूरों के परिजनों, जिनमें कांता और श्याम सिंह के पिता रामपाल भी शामिल हैं, के बयान दर्ज कर लिए हैं।
मृतकों के ठेकेदार ने जताया शोक
मृतकों के ठेकेदार दिलीप ने बताया कि जग्गी उनके साथ पिछले दस सालों से काम कर रहे थे, जबकि श्याम सिंह और कांता प्रसाद समय-समय पर काम के लिए आते-जाते रहते थे। उन्होंने कहा, जब मुझे हादसे की जानकारी मिली, तो मैंने पूरी रात अपने मजदूरों को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हमें लगा था कि वे भाग गए होंगे, लेकिन जब दमकल की टीम ने आग बुझाई, तो हमें उनके शव दिखाई दिए।
अब तक की जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस और फोरेंसिक विभाग आग के सटीक कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि घटना के बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सके। इस घटना ने एक बार फिर अस्थायी झुग्गियों में रहने वाले मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों के लिए सुरक्षित आवास और आग से बचाव के उपायों की कमी ऐसे हादसों को और घातक बना देती है।
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