Arvind Kejriwal: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 जून, 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी। मंगलवार को इस पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सुधीर जैन ने कहा कि दस्तावेजों और तर्कों को ट्रायल कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। यह आदेश निचली अदालत द्वारा 20 जून को जारी किया गया था। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि निचली अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री का उचित मूल्यांकन नहीं किया। अदालत की निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सभी दस्तावेजों और सबूतों का उचित रूप से विश्लेषण किया जाए। यह मामला अभी भी विचाराधीन है, और आगे की न्यायिक कार्यवाही के दौरान और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि संबंधित पक्षों द्वारा दायर किए गए हजारों पन्नों के दस्तावेजों को देखना संभव नहीं था। उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत की राय है कि ऐसी टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित थी और यह भी दर्शाती है कि निचली अदालत ने जमानत आवेदन पर विचार करते समय अदालत के समक्ष रखी गई सामग्री पर ध्यान नहीं दिया।
निचली अदालत के फैसला के खिलाफ ईडी पहुंची हाईकोर्ट
आपको बता दें कि 20 जून को दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को जमानत दे दी थी। इसके अगले दिन ईडी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इसने अंतिम आदेश आने तक आदेश पर रोक लगा दी। अब न्यायमूर्ति जैन ने अपने अंतिम आदेश में कहा है कि निचली अदालत की अवकाश पीठ ने सारे तथ्यों को ठीक से नहीं देखा। ऐसे में जमानत आवेदन पर बहस करने के लिए ईडी को समान अवसर देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अन्य तर्कों पर रोस्टर बेंच द्वारा विचार किया जाएगा।
ईडी ने किया था जमानत का विरोध
ईडी ने निचली अदालत में आदेश की घोषणा के बाद जमानत बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने के लिए 48 घंटे की मोहलत मांगी थी। ट्रायल कोर्ट ने ईडी की याचिका को खारिज कर दिया था। ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन और न्यायमूर्ति रविन्द्र डुडेजा की वेकेशन बेंच के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दलील दी थी। ईडी ने तर्क दिया कि हम तत्काल रोक लगाने की मांग कर रहते है। कल रात 8 बजे आदेश सुनाया गया। आदेश अपलोड नहीं किया गया है। हमें जमानत का विरोध करने का भी समय नहीं दिया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश
20 जून, 2024 को निचली अदालत ने अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में जमानत देने का आदेश दिया था। 25 जून, 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री का उचित मूल्यांकन नहीं किया। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणियों को अनुचित बताया, जिसमें कहा गया था कि हजारों पन्नों के दस्तावेजों को देखना संभव नहीं था। ईडी ने मामले की जांच की और कोर्ट के सामने सबूत प्रस्तुत किए। ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति में वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुआ है।