Air India Accident: अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे के बाद अब तक घटनास्थल से कुल 318 मानव अंग (बॉडी पार्ट्स) बरामद किए गए हैं, जिनकी डीएनए जांच चल रही है। अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जी एस मलिक ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या का स्पष्ट आंकड़ा डीएनए सैंपल की मिलान प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।
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Air India Accident: मोबाइल फोन से मिल सकते हैं सुराग
घटनास्थल से 100 से ज्यादा मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं, जिन्हें जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इन मोबाइल फोनों से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या किसी ने विमान के 1:38 बजे टेकऑफ के बाद 1:40 बजे के भीतर क्रैश होने तक कोई वीडियो बनाया था? अगर ऐसा कोई फुटेज मिला, तो यह हादसे की जांच में अहम सुराग दे सकता है।
Air India Accident: आंशिक पोस्टमार्टम से तेजी लाई गई जांच में
कमिश्नर मलिक ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उन्हें जो अधिकार मिले हैं, उनका इस्तेमाल करते हुए उन्होंने डिटेल पोस्टमार्टम की बजाय पार्शियल पोस्टमार्टम की मंजूरी दी है। इससे पोस्टमार्टम और डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया तेज हुई है, जिससे पीड़ित परिवारों को जल्दी राहत मिल सकेगी।
Air India Accident: हादसे का होगा री-क्रिएशन, हर सुराग की हो रही जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के अंतर्गत एक जांच समिति गठित की गई है, जिसमें मलिक भी सदस्य हैं। बोइंग कंपनी के विशेषज्ञों के साथ-साथ अन्य तकनीकी टीमें भी मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि विमान के मलबे को एकत्र किया जा रहा है, ताकि हादसे का री-क्रिएशन (पुनर्निर्माण) किया जा सके। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि हादसा किस कारण हुआ – तकनीकी खामी, मानवीय गलती या अन्य कारण।
सरकार का बड़ा कदम: एयरपोर्ट के आसपास के ऊंचे भवनों पर चलेगा बुलडोजर!
इस हादसे के बाद केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। नागर विमानन मंत्रालय ने ‘विमान (बाधाओं का विध्वंस) नियम, 2025’ का मसौदा जारी किया है, जिसके तहत एयरपोर्ट के आसपास मौजूद ऊंचे भवनों और पेड़ों को हटाने के लिए कानूनी अधिकार दिए जाएंगे।
20 दिन में मांगी गई आपत्तियां, नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती
इन प्रस्तावित नियमों के अनुसार:
- -हवाई अड्डे के प्रभारी अधिकारी उन भवनों या पेड़ों के मालिकों को नोटिस जारी कर सकेंगे जो निर्धारित ऊंचाई सीमा का उल्लंघन करते हैं। मालिकों को दो माह के भीतर संरचना की पूरी जानकारी देनी होगी।
- जरूरत पड़ने पर इमारतों को ध्वस्त या उनकी ऊंचाई कम की जा सकती है।
- अधिकारी मालिक को सूचना देकर परिसर में दिन के समय प्रवेश कर सकेंगे।
- असहयोग करने पर मामला नागर विमानन निदेशालय को भेजा जाएगा, और जिला कलेक्टर के माध्यम से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
- अपील की प्रक्रिया भी तय की गई है, जिसके लिए 1000 रुपये का शुल्क रखा गया है।
- अधिसूचना के बाद बनाए गए गैर-अनुपालन भवनों को मुआवजा नहीं मिलेगा।
अहमदाबाद विमान हादसा सिर्फ एक दुखद दुर्घटना नहीं, बल्कि विमानन सुरक्षा और शहर नियोजन पर भी एक कठोर चेतावनी है। एक तरफ हादसे की तकनीकी और वैज्ञानिक जांच चल रही है, वहीं सरकार ने संरचनात्मक खतरों को लेकर भी निर्णायक कदम उठाए हैं। पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय हो गई है। अब पूरे देश की निगाहें इस जांच पर टिकी हैं, ताकि यह पता चल सके कि इस त्रासदी की असली वजह क्या थी।
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