25.1 C
New Delhi
Tuesday, September 10, 2024
spot_img
Homeहेल्थChandipura virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर, 8 बच्चों की मौत,...

Chandipura virus: गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर, 8 बच्चों की मौत, जानिए लक्षण और इलाज

Chandipura virus: चांदीपुरा वायरस बीते कुछ दिनों से कई राज्यों में कोहराम मचा रखा है। चांदीपुरा वायरस की वजह से गुजरात में अब तक 8 मौत जनों की जान जा चुकी है।

Chandipura virus: महामारी कोरोना वायरस ने बीते कुछ सालों में हाहाकार मचाया था। हालांकि कोविड से छुटकारा मिल गया है लेकिन इन दिनों एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस का नाम चांदीपुरा है। यह खतरनाक वायरस बीते कुछ दिनों से कई राज्यों में कोहराम मचा रखा है। चांदीपुरा वायरस की वजह से गुजरात में अब तक 8 मौत जनों की जान जा चुकी है। गुजरात के अलावा राजस्थान और महाराष्ट्र में इस जानलेवा वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस की वजह से देश की हेल्थ एजेंसियां अलर्ट हो गई है।

गुजरात में 9 की मौत

इन दिनों गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। इस खतरनाक वायरस ने अब तक 8 की जान ले ली है। प्रशासन ने प्रदेश में 8, 500 से ज्यादा घरों और 47 हजार से ज्यादा लोगों का स्क्रीनिंग किया गया है। इसके साथ ही गुजरात सरकार ने आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। प्रदेश में कुल 14 केस दर्ज किए गए है। इनमें 8 की मौत हो चुकी है। बीते दिनों से गुजरात में इस वायरस ने हड़कंप मचा दिया है।

जानिए क्या है चांदीपुरा वायरस

चांदीपुरा वायरस एक दुर्लभ और खतरनाक पैथोजन है जो बुखार, फ्लू जैसे लक्षणों के साथ ही एक्यूट एन्सेफलाइटिस (दिमाग की सूजन) का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से मच्छरों, टिक्स और सेंडफ्लाई के जरिए फैलता है।

वायरस का नाम और उत्पत्ति

चांदीपुरा वायरस का नाम भारत के महाराष्ट्र राज्य के चांदीपुरा गांव के नाम पर रखा गया है, जहां पहली बार इसका पता चला था। जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को इस वायरस के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सकें।

वायरस के लक्षण

चांदीपुरा वायरस संक्रमण के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, मितली, फ्लू जैसे लक्षण, और एक्यूट एन्सेफलाइटिस शामिल हैं। एन्सेफलाइटिस के कारण दिमाग की सूजन होती है, जिससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

संक्रमण का प्रसार

यह वायरस मुख्य रूप से मच्छरों, टिक्स और सेंडफ्लाई के माध्यम से फैलता है। मच्छर संक्रमण का मुख्य वाहक होते हैं और संक्रमित मच्छरों के काटने से यह वायरस मनुष्यों में प्रवेश करता है।

सबसे ज्यादा खतरा

छोटे बच्चे और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति इस वायरस के संक्रमण के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोग अधिक जोखिम में होते हैं, जहां मच्छरों और सेंडफ्लाई की गतिविधि अधिक होती है।

निदान और उपचार

चांदीपुरा वायरस के संक्रमण का निदान रक्त परीक्षण और अन्य लेबोरेटरी जांचों के माध्यम से किया जा सकता है। फिलहाल, इस वायरस के खिलाफ कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है, इसलिए रोग का प्रबंधन लक्षणों के उपचार और सपोर्टिव केयर पर आधारित होता है।

निवारण और नियंत्रण

मच्छरों और सेंडफ्लाई के काटने से बचने के लिए उचित मच्छरदानी, कीटनाशक, और व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का उपयोग करना चाहिए। प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरों की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य संगठनों द्वारा जागरूकता और नियंत्रण कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।

RELATED ARTICLES
New Delhi
broken clouds
25.1 ° C
25.1 °
25.1 °
94 %
5.1kmh
75 %
Tue
33 °
Wed
36 °
Thu
26 °
Fri
26 °
Sat
26 °

Most Popular