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Alka Yagnik: पाश्र्व गायिका अलका याग्निक को सुनने में दिक्कत, क्या है सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस, जानिए लक्षण और उपचार

Alka Yagnik: अपनी सुरीली आवाज में दुनिया को हजारों गाने सुना चुकीं मशहूर प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक इन दिनों सुनने में दिक्कत की समस्या से जूझ रही हैं।

Alka Yagnik: अपनी सुरीली आवाज में दुनिया को हजारों गाने सुना चुकीं मशहूर प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक इन दिनों सुनने में दिक्कत की समस्या से जूझ रही हैं। इंस्टाग्राम पर पोस्ट में खुद अलका ने खुलासा किया कि वह ‘सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस’ नाम की बीमारी की चपेट में हैं। उन्हें सुनने में दिक्कत हो रही थी। जांच में इस बीमारी का पता चला। वह काफी समय से पाश्र्व गायन से दूर हैं। अलका याग्निक जैसी प्रतिष्ठित पाश्र्व गायिका के लिए सुनने में दिक्कत होना एक गंभीर विषय है, लेकिन सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस का निदान और उपचार संभव है। उचित चिकित्सा देखभाल और सहायक उपकरणों के माध्यम से इस समस्या का प्रबंधन किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति अपनी सुनने की क्षमता को बनाए रख सके और अपने जीवन की गुणवत्ता को सुधार सके।

प्रशंसकों को बहुत तेज संगीत और हेडफोन से बचने की सलाह:

अलका याग्निक ने पोस्ट में अपने प्रशंसकों और युवा गायकों को सलाह दी कि वे बहुत तेज संगीत और हेडफोन के इस्तेमाल से बचें। उन्होंने पोस्ट में लिखा, कुछ हफ्ते पहले मैं फ्लाइट से बाहर निकली तो अचानक महसूस हुआ कि कुछ भी सुन नहीं पा रही हूं। साहस जुटाकर मैं उन सभी दोस्तों और शुभचिंतकों के लिए चुप्पी तोडऩा चाहती हूं, जो पूछ रहे हैं कि मैं एक्शन से गायब क्यों हूं? उन्होंने लिखा, डॉक्टरों ने ‘सेंसेरिन्यूरल हियरिंग लॉस’ के बारे में बताया, जो वायरल अटैक के कारण हुआ। अचानक आए बड़े झटके से मैं पूरी तरह अंजान थी।

जल्दी गायन में वापसी की जताई उम्मीद:

अलका ने पोस्ट में लिखा, आपके प्यार और सपोर्ट से मैं जीवन को व्यवस्थित करने और जल्द वापसी की उम्मीद कर रही हूं। बॉलीवुड में अलका याग्निक ने 1980 में कॅरियर शुरू किया। उनके हिट गानों में ‘मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है’, एक-दो-तीन, गजब का है दिन, ऐसी दीवानगी देखी नहीं, टिप-टिप बरसा पानी, दिलबर-दिलबर, आपके प्यार में हम संवरने लगे, ‘धीरे-धीरे प्यार को बढ़ाना है’ आदि शामिल हैं।

क्या है सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस:

सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस (एसएनएचएल) आंतरिक कान या श्रवण तंत्रिका में संरचनाओं को नुकसान के कारण होता है। तेज आवाज, आनुवंशिक कारक और बढ़ती उम्र इसके प्रमुख कारण हैं। इस बीमारी के 90 फीसदी मामलों में सुनने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जबकि कुछ लोगों को जरा भी सुनाई नहीं देता। उचित इलाज नहीं मिलने पर संवाद की क्षमता में बाधा खड़ी हो सकती है। यह समस्या जन्मजात भी हो सकती है या फिर जीवन के किसी भी चरण में उत्पन्न हो सकती है।

सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस के कारण:

  • बढ़ती उम्र : उम्र के साथ सुनने की क्षमता में कमी आना एक सामान्य प्रक्रिया है।
  • उच्च ध्वनि के संपर्क में आना: लंबे समय तक उच्च ध्वनि स्तरों के संपर्क में रहने से कान के अंदर के बाल कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
  • अनुवांशिक कारण: कुछ मामलों में, यह समस्या आनुवंशिक हो सकती है।
  • आंतरिक कान के संक्रमण: कान के संक्रमण या आंतरिक कान की अन्य समस्याएं भी सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस का कारण बन सकती हैं।
  • चोट या आघात: सिर पर चोट लगने से भी सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
  • दवाओं के दुष्प्रभाव: कुछ दवाइयों के उपयोग से भी श्रवण हानि हो सकती है।

सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस के लक्षण:

  • धीरे-धीरे सुनने की क्षमता का कम होना: धीरे-धीरे सुनने में कठिनाई होना।
  • बोलने और सुनने में कठिनाई: बातचीत को समझने में कठिनाई, खासकर जब बैकग्राउंड में शोर हो।
  • टिनिटस: कान में घंटी बजने या भनभनाहट की आवाज सुनाई देना।

निदान और उपचार:

  • ऑडियोलॉजिकल टेस्ट: सुनने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न ऑडियोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं।
  • हियरिंग एड्स: हियरिंग एड्स सुनने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
  • कोक्लियर इम्प्लांट्स: गंभीर मामलों में, कोक्लियर इम्प्लांट्स का उपयोग किया जा सकता है।
  • रिहैबिलिटेशन: श्रवण पुनर्वास कार्यक्रमों के माध्यम से सुनने की क्षमता और संचार कौशल को सुधारने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
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