Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित साल की अंतिम कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए। इनमें मुख्य रूप से राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन और चावल परिवहन तथा मिलरों से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी शामिल हैं। पिछड़ा वर्ग (OBC) के कल्याण और विकास के उद्देश्य से इस आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। यह आयोग राज्य में पिछड़े वर्गों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के मूल्यांकन और सुधार पर काम करेगा। यह आयोग राज्य सरकार को नीतिगत सुझाव भी देगा।
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चावल परिवहन दरों को मंजूरी
राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर चावल परिवहन दरों को मंजूरी दी गई। यह निर्णय चावल वितरण की प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लिया गया। चावल मिलिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लंबित प्रोत्साहन राशि की दूसरी किस्त जारी करने को मंजूरी दी गई। यह कदम किसानों और चावल मिलरों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
‘द साबरमती रिपोर्ट’ को किया टैक्स फ्री
छत्तीसगढ़ सरकार ने साल की अंतिम कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को कर मुक्त (टैक्स फ्री) घोषित करने का निर्णय लिया। फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ पर लगाए जाने वाले प्रवेश शुल्क (एंट्री फीस) के तहत राज्य माल और सेवा कर (GST) की प्रतिपूर्ति को मंजूरी दी गई। यह निर्णय राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक के बाद मीडिया को इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिल्म के कर मुक्त होने से इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में मदद मिलेगी।
राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में लिया गया है और इसके लिए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है। आयोग का गठन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर किया गया। आयोग ने अपनी अनुशंसा में OBC वर्ग के लिए अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था का प्रस्ताव दिया।
आरक्षण का वितरण:
OBC को अब 50 प्रतिशत तक आरक्षण मिल सकता है, जो पहले 25 प्रतिशत था। आरक्षण का निर्धारण अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और OBC की जनसंख्या के अनुपात में किया जाएगा। यह निर्णय अदालत द्वारा आरक्षण की सीमा तय करने और उसकी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देशों के तहत लिया गया। सरकार ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करते हुए यह कदम उठाया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का प्रभाव
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में लागू की गई OBC आरक्षण व्यवस्था अन्य राज्यों के अनुभवों और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित पूरे देश में लागू की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मामलों में दिए गए निर्देश के तहत सभी राज्यों में OBC आरक्षण की प्रक्रिया को लागू करने का आदेश दिया। यह आदेश सुनिश्चित करता है कि OBC वर्ग को 50% आरक्षण की सीमा के भीतर जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाए।
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