Power struggle in Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर रही है, लेकिन इसी बीच सत्ता के गलियारों में जबरदस्त हलचल मची हुई है। भाजपा के संगठन मंत्री पवन साय अफसरशाही पर सख्ती से नियंत्रण बनाए हुए हैं, लेकिन यही सख्ती अब उन्हें महंगी पड़ सकती है। सूत्रों का दावा है कि सरकार में एक बड़ा खेल चल रहा है, जिसमें अफसरों की लॉबी उन्हें हटाने की पूरी कोशिश में जुटी हुई है।
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पवन साय क्यों बने अफसरों के निशाने पर?
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जब भाजपा की सरकार बनी, तब संगठन मंत्री पवन साय ‘पावर’ में आ गए। इसी के साथ उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ गई। उन्होंने आते ही भ्रष्टाचार और अफसरशाही पर लगाम कस दी। मंत्रियों और विधायकों के कामों में प्रशासनिक अड़ंगेबाजी को खत्म करने की रणनीति अपनाई। उनकी कार्यशैली से ईमानदार अधिकारियों को राहत मिली, लेकिन सिस्टम में जमें पुराने अफसरों की लॉबी असहज हो गई।
सूत्रों की मानें तो पवन साय सरकार और संगठन के बीच मजबूत कड़ी के रूप में काम कर रहे हैं। उनके रहते अफसरशाही सरकार पर हावी नहीं हो पा रही, जिससे कई प्रभावशाली अधिकारी नाराज हैं। खासतौर पर वे अधिकारी, जो कांग्रेस सरकार में और उससे पूर्व भी प्रभावी भूमिकाओं में थे, अब खुलकर लामबंद हो रहे हैं।
दिल्ली से हो रही साजिश! कौन चला रहा पूरा खेल?
इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठा एक पूर्व नौकरशाह बताया जा रहा है, जो पहले छत्तीसगढ़ में अहम पद पर था। भाजपा सरकार बनने के बाद से वह सक्रिय राजनीति में दखल देने की कोशिश में जुटा है।
सूत्रों के मुताबिक, इस पूर्व नौकरशाह के नेतृत्व में अफसरों का एक गुट लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय और संगठन के खिलाफ माहौल बना रहा है। उनका मुख्य उद्देश्य यह दिखाना है कि छत्तीसगढ़ में कामकाज ठप हो चुका है और भाजपा की सरकार सुस्त है। इसके लिए अफसरशाही के जरिए योजनाओं की फाइलें लटकाने और विकास कार्यों में देरी करवाने की कोशिशें की जा रही हैं।
भाजपा के अंदर भी साजिश? साइडलाइन गुट दे रहा समर्थन!
मामले को और पेचीदा बनाते हुए सूत्रों का कहना है कि भाजपा के ही एक साइडलाइन हो चुके गुट का भी इस अफसर लॉबी को समर्थन मिल रहा है। ये वे नेता हैं, जिन्हें भाजपा की नई टीम में खास तवज्जो नहीं मिली और अब वे अफसरों के जरिए सरकार को कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं।
क्या अफसर लॉबी अपने मकसद में कामयाब होगी? निपट जाएंगे पवन साय?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अफसर लॉबी अपने मकसद में कामयाब होगी?
भाजपा संगठन और सरकार को लेकर पवन साय की पकड़ काफी मजबूत है। वे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सबसे भरोसेमंद रणनीतिकारों में शामिल हैं। लेकिन सत्ता की राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता।
सूत्रों की मानें तो अगले कुछ महीनों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
- अगर भाजपा संगठन मजबूती से खड़ा रहा, तो पवन साय की स्थिति और मजबूत होगी।
- लेकिन अगर अफसर लॉबी और नाराज भाजपा गुट की साजिशें सफल हुईं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।
क्या कहता है भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व?
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति हमेशा प्रभावी नेतृत्व को प्राथमिकता देने की रही है। ऐसे में पवन साय को संगठन में बने रहने के लिए और मजबूत रणनीति अपनानी होगी।
अब आगे क्या?
छत्तीसगढ़ में विकास बनाम सत्ता संघर्ष का नया अध्याय शुरू हो चुका है।
- क्या भाजपा सरकार और संगठन पवन साय के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा?
- या फिर अफसर लॉबी और भाजपा के असंतुष्ट गुट की साजिशें रंग लाएंगी?
अगले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विष्णुदेव साय अपने सारथी पवन साय को इस साजिश से बचा पाते हैं या नहीं!
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