Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। कोंडागांव के दुर्गम अबूझमाड़ जंगल में बुधवार को हुई भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया। इस अभियान के दौरान एक बहादुर जवान ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी, जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया। मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
Table of Contents
Naxalites Encounter: बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद बरामद
राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए इसे सुरक्षाबलों की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि मारे गए नक्सलियों में कई वांछित और शीर्ष कमांडर शामिल हैं। विजय शर्मा ने बताया कि नक्सलियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गई है, जो उनके नेटवर्क पर करारा प्रहार है। घायल जवान का इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
Naxalites Encounter: एक करोड़ का इनामी नक्सली भी मारा गया
इस कार्रवाई में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता उस समय मिली जब उन्होंने एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मारे गए नक्सलियों में यह कुख्यात नाम भी शामिल है। वसवा राजू नारायणपुर और बीजापुर क्षेत्र में सक्रिय था और कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था।
Naxalites Encounter: 2026 तक बस्तर नक्सल मुक्त होगा— डिप्टी सीएम
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा, हमारी डबल इंजन की सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़ रखा है। सुरक्षाबल दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार अभियान चला रहे हैं और नारायणपुर में 24 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक बस्तर को पूरी तरह नक्सल मुक्त कर दिया जाए।
पिछले ऑपरेशनों में भी मिली बड़ी सफलता
इससे पहले भी सुरक्षाबलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत 31 नक्सलियों को मार गिराया था। वहां से भी बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद की गई थी, जिससे नक्सलियों की गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ा है।
नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में गिरावट
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इसे गति मिली है। जवानों को बेहतर प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधन और सामरिक सहयोग मिलने से उनकी क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि 2014 में जहां देश के 35 जिले नक्सली हिंसा से प्रभावित थे, वहीं अब यह संख्या घटकर केवल 6 जिलों तक सीमित रह गई है।
सरकार और सुरक्षाबलों की संयुक्त रणनीति रंग ला रही
विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य और केंद्र सरकार के समन्वित प्रयास, स्थानीय खुफिया तंत्र की मजबूती, सड़क और संचार नेटवर्क का विस्तार तथा जन जागरूकता अभियान नक्सल प्रभावित इलाकों में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। सुरक्षाबलों की बढ़ती पहुंच और लगातार सफल अभियानों ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है।
फिलहाल अबूझमाड़ के जंगलों में सर्च ऑपरेशन जारी है और संभावना जताई जा रही है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। इस सफलता ने न केवल सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी नई ऊर्जा दी है।
यह भी पढ़ें:-