Naxalite Arrest: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की पुलिस ने एक विशेष अभियान में छत्तीसगढ़ के कुख्यात माओवादी कमांडर संदीप उर्फ हिडिमा पाडेयाम और माओवादी एरिया कमेटी के सदस्य शिवा बोदरा उर्फ शिबु को गिरफ्तार किया है। यह अभियान जराईकेला थाना क्षेत्र के सारंडा जंगल में चलाया गया, जिसमें पुलिस और कोबरा 209 बटालियन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। दोनों नक्सलियों के पास से एक पिस्टल, 11 कारतूस, दो मैगजीन, दो वॉकी-टॉकी, डेटोनेटर और आईईडी बनाने का सामान बरामद किया गया है।
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Naxalite Arrest: गुप्त सूचना पर आधारित अभियान
चाईबासा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राकेश रंजन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह अभियान चलाया गया। सूचना मिली थी कि शीर्ष माओवादी नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया और अश्विन अपने दस्ते के साथ सारंडा क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे थे। इस सूचना के सत्यापन के लिए रविवार सुबह एएसपी पारस राणा के नेतृत्व में विशेष अभियान शुरू किया गया। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को देखकर दोनों नक्सली भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्हें धर दबोचा गया।
Naxalite Arrest: नक्सलियों का आपराधिक इतिहास
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संदीप उर्फ हिडिमा छत्तीसगढ़ के बीजापुर का निवासी है और पिछले दस वर्षों से झारखंड में सक्रिय था। वह सारंडा और आसपास के क्षेत्रों में आईईडी लगाकर सुरक्षा बलों को निशाना बनाता रहा। हिडिमा पर हत्या, पुलिस पार्टी पर हमला, विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) सहित अन्य धाराओं में 35 से अधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, शिवा बोदरा, जो सरायकेला के कुचाई का निवासी है, हाल ही में ओडिशा के राउरकेला में हुए विस्फोटक लूटकांड में शामिल था। उसके खिलाफ गोईलकेरा, सोनुवा, गुवा और जराईकेला थानों में नौ गंभीर नक्सली मामले दर्ज हैं।
Naxalite Arrest: माओवादी संगठन में महिला शोषण का खुलासा
पूछताछ के दौरान दोनों नक्सलियों ने माओवादी संगठन के भीतर महिला सदस्यों के शोषण के चौंकाने वाले खुलासे किए। एसपी रंजन ने बताया कि केंद्रीय कमेटी के सदस्य अनल उर्फ रमेश पर महिला दस्ते की सदस्यों का शारीरिक शोषण करने और कई महिला नक्सलियों का जबरन गर्भपात करवाने के आरोप हैं। इन खुलासों ने संगठन की आंतरिक कार्यप्रणाली और महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों को उजागर किया है।
बरामद सामग्री और नक्सलियों की योजना
पुलिस ने गिरफ्तार नक्सलियों के पास से बरामद सामग्री में एक पिस्टल, 11 कारतूस, दो मैगजीन, दो वॉकी-टॉकी, डेटोनेटर और आईईडी बनाने का सामान शामिल है। यह सामग्री दर्शाती है कि नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। एसपी ने बताया कि दोनों नक्सली लंबे समय से सारंडा जंगल और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय थे और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए थे। उनकी गिरफ्तारी से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है।
पुलिस की रणनीति और भविष्य की योजनाएं
एसपी राकेश रंजन ने कहा कि पुलिस और कोबरा बटालियन की संयुक्त कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि गुप्त सूचनाओं और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे। पुलिस अब बाकी नामजद माओवादी नेताओं की तलाश में जंगल में सघन तलाशी अभियान चला रही है।
नक्सलवाद के खिलाफ कड़ा रुख
यह गिरफ्तारी झारखंड पुलिस की नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। सारंडा जंगल, जो नक्सलियों का गढ़ माना जाता है, में इस तरह की सफलताएं सुरक्षा बलों के लिए मनोबल बढ़ाने वाली हैं। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान को और तेज किया जाएगा ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित की जा सके।
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