Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पिलूर गांव के जंगलों में मंगलवार को माओवादियों ने दो लोगों की हत्या कर दी। मृतकों में स्थानीय शिक्षक (शिक्षा दूत) विनोद माडे शामिल हैं, जिन्हें सोमवार शाम माओवादियों ने अगवा किया था। मंगलवार सुबह विनोद माडे और एक अज्ञात व्यक्ति का शव फरसगढ़ पुलिस स्टेशन के पास मिला।
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Naxal Attack: पुलिस मुखबिरी के शक में हत्या, माओवादियों ने छोड़े पर्चे
घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि माओवादियों ने शवों के पास पर्चे छोड़े, जिनमें मारे गए लोगों पर सुरक्षा बलों को जानकारी देने का आरोप लगाया गया। हालांकि पुलिस ने इस दावे की अभी पुष्टि नहीं की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, माओवादियों ने शवों को सड़क किनारे फेंककर क्षेत्र में दहशत फैलाने की कोशिश की। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है।
Naxal Attack: इलाके में बढ़ रही माओवादी हिंसा
बीजापुर लंबे समय से माओवादी हिंसा का गढ़ रहा है। पिछले दो हफ्तों में इस जिले में ऐसी छह हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें दो छात्र भी शामिल हैं। माओवादियों ने मुखबिरी के संदेह में उनकी हत्या कर दी थी। 17 जून को पेडदाकोरमा गांव में 13 साल के छात्र और 20 साल के कॉलेज छात्र समेत तीन ग्रामीणों की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। मृतकों की पहचान अनिल माडवी और सोमा मोडियाम के रूप में हुई थी।
Naxal Attack: बस्तर में 1,821 लोगों की हत्या कर चुके हैं नक्सली
2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से बस्तर के सात जिलों में नक्सली अब तक कम से कम 1,821 लोगों की हत्या कर चुके हैं। इनमें बीजापुर जिले में सबसे अधिक हत्याएं हुई हैं। मृतकों में आम नागरिक, आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सली और जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
राज्य सरकार ने 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प दोहराया
इस घटना के बाद राज्य सरकार ने फिर स्पष्ट किया कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान तेज किया जाएगा। यह समय सीमा इसी वर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई थी। वहीं, सुरक्षा बलों ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की तैनाती और बढ़ाई जा रही है।
शिक्षा पर भी संकट
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि माओवादियों की हिंसा के कारण बीजापुर और आसपास के इलाकों में शिक्षा और विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। शिक्षक की हत्या से अभिभावकों और बच्चों में डर बढ़ गया है, जिससे स्कूलों में उपस्थिति कम होने की आशंका है।
क्षेत्र में माओवादियों का खौफ कायम
बीजापुर में माओवादियों द्वारा शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्षेत्र में अभी भी माओवादियों का खौफ कायम है। लगातार हो रही हत्याओं ने न केवल स्थानीय लोगों में डर पैदा किया है बल्कि राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है, लेकिन माओवादियों की बढ़ती हिंसा ने इस मिशन को कठिन बना दिया है।
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