Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में, एक दुखद घटना में एक ही परिवार के तीन सदस्यों समेत कुल चार लोगों को हाथियों ने कुचल दिया। यह घटना इस क्षेत्र में बढ़ती हाथियों की समस्याओं को दर्शाती है, जहां इन जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीमों ने स्थिति को संभालने के लिए कार्रवाई शुरू की है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनती जा रही हैं। हाथियों के आक्रमण की रोकथाम और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
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एक ही परिवार के 3 सदस्यों समेत 4 लोगों को कुचला
प्रदेश के जशपुर जिले में जंगली हाथियों का आतंक जारी है। एक जंगली हाथी ने एक ग्रामीण के घर पर हमला कर दिया। एक ही परिवार के तीन सदस्यों सहित चार लोगों को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई और मामले में मुआवजा प्रकरण तैयार कर रही है।
हाथी ने आधी रात को घर पर किया हमला
बताया जा रहा है कि यह पूरी घटना जिले के बगीचा वन परिक्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 9 गम्हरिया की है। मृतकों के परिजनों का कहना है कि शुक्रवार देर रात करीब 12 बजे एक जंगली हाथी ने गम्हरिया गांव में एक ग्रामीण के घर पर हमला बोल दिया। जंगली हाथी घर तोड़ने लगा। जिसकी आवाज सुनकर पिता और पुत्री बाहर निकले और हाथी को देखते ही चिल्लाने लगे।
शोर सुनकर मदद के लिए आए पड़ोसी को भी कुचला
जंगली हाथी ने उन लोगों पर पर हमला कर दिया। सूंड से उठाकर जमीन पर पटका और पैरों से कुचल डाला। इस घटना में उनकी उनकी मौत हो गई। वहीं जब परिवार का एक सदस्य उन्हें बचाने आया तो उस पर भी हाथी नेहमला कर दिया और मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे पड़ोसी को भी हाथी ने मार दिया।
40 हाथियों का एक बड़ा समूह देखा गया
जशपुर के डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि बगीचा वन परिक्षेत्र और पूरे जिले में पिछले दो महीने से जंगली हाथियों का एक समूह घूम रहा है। हाल के दिनों में, 40 हाथियों का एक बड़ा समूह विभिन्न इलाकों में देखा गया है।
वनकर्मियों और हाथी मित्रों को किया गया तैनात
हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वनकर्मियों और हाथी मित्रों को तैनात किया गया है। इनमें एक अकेला नर हाथी भी शामिल है, जो एक दिन में 25 किलोमीटर तक घूमने की क्षमता रखता है और आमतौर पर इंसानों के प्रति अधिक आक्रामक होता है। इस आक्रामकता को देखते हुए, सुरक्षा उपायों को सख्त किया गया है ताकि लोगों और हाथियों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।