CG Naxal: नक्सल प्रभावित जिला बीजापुर में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का बड़ा अभियान बुधवार को भी जोर-शोर से जारी रहा। जिला पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीमों ने सुबह से ही घने जंगलों तथा पहाड़ी इलाकों में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। यह कार्रवाई हाल के दिनों में बढ़ी माओवादी हिंसा के प्रतिकार के रूप में की जा रही है, जिसमें आईईडी विस्फोट और सुरक्षा बलों पर हमले की कोशिशें शामिल हैं।
CG Naxal: ठिकानों को नष्ट करने और हथियार जब्त करने का लक्ष्य
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभियान का मुख्य उद्देश्य माओवादियों के छिपे ठिकानों को ध्वस्त करना, उनके हथियारों की खेप जब्त करना तथा उनकी गतिविधियों पर पूर्ण अंकुश लगाना है। बुधवार सुबह से कई संवेदनशील इलाकों में ड्रोन सर्विलांस की मदद से हवाई निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टरों से रेकी कर टीमों को सटीक निर्देश दिए जा रहे हैं। जमीनी स्तर पर पैदल मार्च करते हुए सुरक्षा बल ग्रामीण बस्तियों में घर-घर पहुंचकर लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। इसका मकसद किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की तत्काल जानकारी प्राप्त करना है।
CG Naxal: तलाश में सुरक्षा बलों ने खंगाला जंगल
जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, “माओवादी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे प्रभावी अभियानों के तहत सुरक्षा बल लगातार सघन कार्रवाई कर रहे हैं। कई टुकड़ियां क्षेत्र में सक्रिय हैं। अभियान के दौरान फिलहाल स्थिति पूरी तरह सामान्य है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।” बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि अभियान में शामिल जवानों को स्थानीय खुफिया इनपुट के आधार पर आगे बढ़ने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
CG Naxal: पिछले महीनों की हिंसा ने बढ़ाई सतर्कता
पिछले कुछ महीनों में बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के सीमा क्षेत्रों में माओवादियों ने कई वारदातें अंजाम दी हैं। इनमें आईईडी विस्फोट, पुलिस कैंपों पर हमले की असफल कोशिशें और ग्रामीणों को धमकाने की घटनाएं प्रमुख हैं। इन घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति को और मजबूत किया है। अब अभियान में तकनीकी सहायता का व्यापक उपयोग हो रहा है, जिसमें ड्रोन से रियल-टाइम इंटेलिजेंस और हेलीकॉप्टर से त्वरित आवागमन शामिल है। इससे माओवादियों के लिए जंगलों में छिपना मुश्किल हो गया है।
CG Naxal: ग्रामीणों में दहशत, स्कूल-आंगनबाड़ी बंद
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो बुधवार सुबह से ही हेलीकॉप्टरों की गर्जना और पुलिस वाहनों की आवाजाही से इलाका गूंज रहा है। कई गांवों के आसपास पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। सुरक्षा कारणों से कुछ इलाकों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखा गया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा पर कोई आंच न आए। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “सुबह से हेलीकॉप्टर ऊपर मंडरा रहे हैं। पुलिस वाले घर-घर आकर पूछ रहे हैं कि कोई अजनबी तो नहीं दिखा। हम डरे हुए हैं, लेकिन पुलिस की मौजूदगी से थोड़ा सुकून भी है।
CG Naxal: प्रशासन की अपील, सूचना देने पर जोर
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, वस्तु या गतिविधि की सूचना तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर पर दें। प्रशासन का कहना है कि गोपनीयता बनाए रखी जाएगी और सूचना देने वालों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। अभियान के दौरान इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं है, लेकिन संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है।
CG Naxal: लंबी लड़ाई में नई रणनीति
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद एक लंबी चुनौती रहा है। बीजापुर जैसे जिलों में माओवादी अभी भी सक्रिय हैं, लेकिन सुरक्षा बलों के निरंतर अभियानों से उनकी संख्या और प्रभाव में कमी आई है। इस वर्ष अब तक कई बड़े एनकाउंटर हो चुके हैं, जिसमें दर्जनों माओवादी मारे गए या गिरफ्तार हुए। वर्तमान अभियान भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जो माओवादियों को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक कदम है।
CG Naxal: सुरक्षा बलों की तैयारी और चुनौतियां
अभियान में शामिल सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन और डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की टीमें विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। वे जंगल वारफेयर में माहिर हैं। हालांकि, घने जंगलों, पहाड़ी इलाके और माओवादियों के आईईडी जाल चुनौती बने हुए हैं। फिर भी, तकनीक के उपयोग से सफलता की दर बढ़ी है। पुलिस का दावा है कि अभियान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है और जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
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