Bhupesh Baghel : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पाटन विधायक भूपेश बघेल ने अपने खिलाफ चल रही चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मंगलवार (22 जुलाई 2025) को सुनवाई करेगा। भूपेश बघेल ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनके खिलाफ चल रही चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया गया था।
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Bhupesh Baghel : क्या है मामला?
यह मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पाटन विधानसभा सीट पर आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा है। भाजपा सांसद विजय बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भूपेश बघेल का चुनाव रद्द करने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि भूपेश बघेल ने चुनाव प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पाटन विधानसभा में प्रचार किया, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था।
Bhupesh Baghel : हाईकोर्ट ने क्यों नहीं दी राहत?
रायपुर हाईकोर्ट ने 8 मई 2025 को सुनवाई करते हुए भूपेश बघेल की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने चुनाव याचिका को खारिज करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि याचिका में पर्याप्त तथ्य और सबूत हैं, जिन्हें सुनवाई में खारिज नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप गंभीर हैं, इसलिए सुनवाई जारी रहेगी।
Bhupesh Baghel : सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दी गई?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट में उनके खिलाफ चल रही सुनवाई पर एकपक्षीय रोक लगाई जाए और उन्हें अंतरिम राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव याचिका राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद उन्हें और उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाना है।
विजय बघेल का क्या कहना है?
दुर्ग के भाजपा सांसद विजय बघेल ने कहा कि उन्होंने निष्पक्ष चुनाव के हित में यह याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि भूपेश बघेल ने नियमों की अनदेखी कर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वे अदालत में तथ्यों और वीडियो सबूतों के साथ अपने पक्ष को मजबूती से रखेंगे।
पाटन सीट से विधायक हैं भूपेश बघेल
पूर्व सीएम भूपेश बघेल 2023 विधानसभा चुनाव में पाटन सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने इस सीट से लगातार जीत दर्ज कर अपने गढ़ को मजबूत बनाए रखा है। लेकिन भाजपा ने उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाकर उनके चुनाव को चुनौती दी है, जिससे उनके सामने कानूनी संकट खड़ा हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी निगाहें
अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगा। यदि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाता है, तो भूपेश बघेल को राहत मिलेगी। वहीं, अगर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया, तो पूर्व मुख्यमंत्री के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इस केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है। भूपेश बघेल ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या उन्हें अंतरिम राहत मिलती है या नहीं।
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