Operation Sindoor: भारत में कारोबारी संगठनों द्वारा राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, उद्योग एवं कृषि (MACCIA) ने तुर्की और अजरबैजान के साथ भविष्य में किसी भी प्रकार के व्यापारिक रिश्ते समाप्त करने का फैसला किया है। यह फैसला हाल ही में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के खुले समर्थन को देखते हुए लिया गया है।
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Operation Sindoor: तुर्की से सेब और ड्राई फ्रूट्स का आयात करता है भारत
एमएसीसीआईए की इस निर्णायक बैठक में उत्तर महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष अविनाश सोनावने ने कहा कि भारत तुर्की से प्रमुख रूप से सेब और ड्राई फ्रूट्स का आयात करता है, लेकिन अब इस व्यापार को पूरी तरह से रोक दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तुर्की से आने वाले सेबों का विकल्प भारत के पास मौजूद है – जैसे कश्मीर और अमेरिका से आने वाले सेब, जो गुणवत्ता में भी बेहतर माने जाते हैं।
Operation Sindoor: तुर्की और अजरबैजान के साथ नहीं होगा कोई व्यापार
उन्होंने आगे कहा, हमारा उद्देश्य है कि महाराष्ट्र के किसी भी खुदरा या थोक बाजार में तुर्की और अजरबैजान का कोई भी सामान न बिके। ड्राई फ्रूट्स से लेकर घरेलू उपयोग की वस्तुएं तक, हम इन दोनों देशों से किसी प्रकार का माल मंगाने के पक्ष में नहीं हैं।
Operation Sindoor: 20,000 करोड़ के उत्पाद तुर्की और अजरबैजान से
एमएसीसीआईए के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवाद का सहारा लेना अत्यंत निंदनीय है, और ऐसे में जो देश इस रवैये का समर्थन करें, उनके साथ व्यापारिक रिश्ते बनाए रखना राष्ट्रीय हित के खिलाफ होगा। उन्होंने बताया कि भारत अभी तक करीब 20,000 करोड़ रुपये के उत्पाद तुर्की और अजरबैजान से मंगाता था, लेकिन अब इस आयात को धीरे-धीरे पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा।
तुर्की और अजरबैजान जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट
इस निर्णय के बाद देशभर में नागरिकों और उद्यमियों के बीच भी स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है। वीजा प्रॉसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस के अनुसार, भारत से तुर्की और अजरबैजान जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। एटलिस के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान के समर्थन की खबर आने के महज 36 घंटों के भीतर तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ने वाले भारतीय यूजर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
तुर्की के लिए वीजा आवेदन में 53 प्रतिशत तक गिरावट
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में तुर्की के लिए वीजा आवेदन में 53 प्रतिशत तक गिरावट आई है, जबकि इंदौर और जयपुर जैसे टियर-2 शहरों में यह गिरावट अपेक्षाकृत कम, करीब 20 प्रतिशत, दर्ज की गई। यह दिखाता है कि भारत के लोग अब भावनात्मक और राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर भी ठोस निर्णय लेने लगे हैं।
तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग गतिविधियों पर रोक
एटलिस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, लोगों को अब यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि वे किन गंतव्यों से बचें। वे खुद जानकारी और भावनाओं के आधार पर निर्णय ले रहे हैं। हमने भी तुर्की और अजरबैजान के लिए अपनी सभी मार्केटिंग गतिविधियों को रोक दिया है, ताकि देश की भावना के साथ कदम से कदम मिलाया जा सके।
एमएसीसीआईए का यह कदम भारत के अन्य व्यापारिक संगठनों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। यह न केवल राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि व्यापारिक फैसले केवल मुनाफे के आधार पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना को ध्यान में रखकर भी लिए जा सकते हैं।
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