New rules of RBI : भारतीय रिजर्व बैंक के प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग का असर देखने को मिला है। सोमवार को शेयर बाजार के कामकाज में अच्छी तेजी दर्ज की जा रही थी। दोपहर करीब 12:00 बजे बीएसई सेंसेक्स 233 अंक की तेजी के साथ 7,4126 अंक के स्तर पर था। वहीं, निफ्टी 39 अंक की मजबूती पर 22515 अंक पर कामकाज कर रहा था। शेयर बाजार में तेजी के बीच निफ़्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में काफी गिरावट आई। आज निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली पीएसयू बैंकिंग कंपनियों के शेयर सोमवार के कामकाज में 5 से 6 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
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PNB सहित इन बैंकों के शेयर में आई गिरावट
सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक के शेयर में 5 फीसदी से गिरावट आई। वहीं, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के शेयर 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही। भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में 2.5 फ़ीसदी की कमजोरी और केनरा बैंक के शेयर 4.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बीते एक साल में पीएसयू बैंक के शेयरों से निवेशकों की पूंजी दोगुनी हो गई। लेकिन सोमवार के कामकाज में पीएसयू बैंक के शेयरों में 6 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है। निफ़्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
RBI के नियम ने बनाया REC और PFC पर दबाव
आरबीआई के ड्राफ्ट गाइडलाइंस के अनुसार, कंस्ट्रक्शन फेज के सभी मौजूदा और नए प्रोजेक्ट पर करीब पांच प्रतिशत जनरल प्रोविजन का प्रावधान किया गया। यह अभी के 0.4 प्रतिशत के स्टैंडर्ड प्रोविजन से काफी ज्यादा है। सीएलएसए के मुताबिक, आरईसी और पीएफसी जैसी कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी पर खास असर नहीं पड़ेगा। सिर्फ कैपिटल एडेकेसी रेश्यो पर असर नजर आएगा।
जानिए क्या है आरबीआई का प्रस्ताव
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने क्रियान्वित हो रहे प्रोजेक्ट्स को लोन देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। आरबीआई के मसौदा नियमों में परियोजनाओं के चरण के हिसाब से उनका वर्गीकरण करने और निर्माण चरण के दौरान पांच प्रतिशत तक का उच्च प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा है। जानकारों के अनुसार आने वाले दिनों में आरबीआई के मसौदे का असर देखने को मिलेगा। बैंक के नेटवर्थ का तीन फीसदी तक रकम इस तरह की प्रोविजनिंग की संभावना है। आपको बता दें कि आरबीआई ने इन मानकों को लाने का ऐलान सितंबर 2023 में की है। प्रस्तावों पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई थी।