Income tax: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को इनकम टैक्स विभाग ने बड़ा झटका दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन पर 944.20 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है। यह पेनल्टी असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए लगाई गई है। कंपनी ने इस आदेश को गलत बताया है और इसे कानूनी रूप से चुनौती देने का ऐलान किया है। यह पेनल्टी ऐसे समय में लगाई गई है जब इंडिगो पहले से ही वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है। इंडिगो की बाजार स्थिति मजबूत बनी हुई है, लेकिन कंपनी के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह इस पेनल्टी के खिलाफ कानूनी लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाती है। एविएशन सेक्टर पहले से ही ईंधन की बढ़ती कीमतों, प्रतिस्पर्धा और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से प्रभावित है।
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Income tax: नोटिस पर इंडिगो की प्रतिक्रिया
इंटरग्लोब एविएशन को शनिवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से पेनल्टी का नोटिस मिला। रविवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि यह आदेश कानून के अनुरूप नहीं है और कंपनी इसे कानूनी रूप से चुनौती देगी। इंडिगो ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उसके वित्तीय, परिचालन या समग्र व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Income tax: आदेश को कानूनी रूप से देंगे चुनौती
कंपनी ने कहा कि वह सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इस पेनल्टी के खिलाफ आवश्यक कदम उठाएगी। इंडिगो ने यह भी भरोसा दिलाया कि वह अपने ग्राहकों और स्टेकहोल्डर्स के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
Income tax: वित्तीय चुनौतियों के बीच आया बड़ा झटका
यह पेनल्टी ऐसे समय में आई है जब इंडिगो पहले से ही वित्तीय दबाव का सामना कर रही है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इंडिगो के शुद्ध लाभ में 18.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। इस दौरान एयरलाइन की कुल आय 2,998.1 करोड़ रुपये से घटकर 2,448.8 करोड़ रुपये रह गई थी।
इसके अलावा, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की ऑपरेशनल लागत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 20,466 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। बढ़ती लागत और घटते मुनाफे के चलते इंडिगो पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रही है, और अब इनकम टैक्स की यह पेनल्टी उसके लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकती है।
एविएशन सेक्टर में इंडिगो की स्थिति
हालांकि वित्तीय दबाव के बावजूद, इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन बनी हुई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की मासिक यात्री यातायात रिपोर्ट के अनुसार, इंडिगो के पास 63.7 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी है। फरवरी 2025 में इस बजट एयरलाइन में 89.40 लाख यात्रियों ने सफर किया।
इंडिगो के बाद एयर इंडिया समूह का स्थान रहा, जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस भी शामिल है। फरवरी में टाटा ग्रुप की एयरलाइन में 38.30 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी, जिससे एयरलाइन का मार्केट शेयर 27.3 प्रतिशत हो गया। वहीं, अकासा एयर में 6.59 लाख यात्रियों ने सफर किया और इसका बाजार हिस्सा 4.7 प्रतिशत रहा। स्पाइसजेट ने 4.54 लाख यात्रियों को सेवा दी और इसका मार्केट शेयर 3.2 प्रतिशत दर्ज किया गया।
इंडिगो के लिए आगे की राह
इंडिगो की बाजार स्थिति मजबूत बनी हुई है, लेकिन कंपनी के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह इस पेनल्टी के खिलाफ कानूनी लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाती है। एविएशन सेक्टर पहले से ही ईंधन की बढ़ती कीमतों, प्रतिस्पर्धा और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से प्रभावित है। ऐसे में इनकम टैक्स की पेनल्टी इंडिगो के लिए अतिरिक्त दबाव पैदा कर सकती है।
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