Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में जारी टेंडरों में मंत्रियों के लिए 30 फीसदी कमीशन पहले से तय है। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि इन टेंडरों के माध्यम से मंत्रीगण आगामी चुनावों का खर्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
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Tejashwi Yadav बोले- सरकार में घोर भ्रष्टाचार का बोलबाला
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा, सरकार में घोर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सभी विभागों में तेजी से टेंडर निकाले जा रहे हैं ताकि कमीशन के जरिए पैसे इकट्ठा किए जा सकें। कैबिनेट की केवल तीन महीनों की बैठक में ही 76,000 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें अधिकतर निर्माण से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि विकास के नाम पर टेंडर की बाढ़ ला दी गई है, लेकिन असल मकसद वित्तीय लाभ उठाना है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह सरकार जल्द ही जाने वाली है, तो फिर इतनी जल्दी में टेंडर क्यों जारी किए जा रहे हैं?
Tejashwi Yadav ने कहा, हर साल सरकार लेती है भारी कर्ज
तेजस्वी यादव ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, हर साल बिहार सरकार 25 से 30 हजार करोड़ रुपये लोन की राशि चुकाती है। केवल ब्याज भरने में ही सरकार की कमर टूट जाती है। इसके बावजूद सरकारी खजाना चुनावी यात्राओं और प्रचार में खर्च किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला संवाद कार्यक्रम को भी निशाने पर लिया और दावा किया कि इसके लिए दिल्ली से 600 वैन मंगवाए गए हैं। उन्होंने कहा, सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। महिला संवाद के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
Tejashwi Yadav ने कहा, नल-जल योजना बनी भ्रष्टाचार का अड्डा
राज्य की बहुप्रचारित नल-जल योजना को लेकर भी तेजस्वी ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, आज भी बिहार के कई गांव ऐसे हैं, जहां नल जल की सुविधा नहीं पहुंची है। इस योजना में बड़ा घोटाला हुआ है, लेकिन सरकार चुप है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारी सिस्टम में बिहार के स्थानीय ठेकेदारों को किनारे किया जा रहा है और बाहर के लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा, बिहार के ठेकेदारों को टेंडर नहीं मिल रहा। बाहर के लोग आकर यहां काम कर रहे हैं। इससे राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर भी नहीं मिल पा रहे।
‘सीओ, थाना, अन्य कार्यालयों में भी भ्रष्टाचार चरम पर’
तेजस्वी ने कहा कि भ्रष्टाचार सिर्फ बड़े टेंडरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नीचे तक फैल चुका है। उन्होंने कहा, सीओ कार्यालय, थाने और दूसरे सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी और दलाली चरम पर है। हर स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। लोगों को हर काम के लिए घूस देनी पड़ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला और पूछा कि अब तक बिहार को क्या विशेष सहायता मिली है? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को भी बिहार की परवाह नहीं है और हर मोर्चे पर राज्य को नजरअंदाज किया गया है।
‘जनता जान चुकी है सच, जवाब देने को तैयार’
प्रेस वार्ता के अंत में तेजस्वी ने कहा कि जनता अब सब समझ चुकी है और वह आने वाले समय में इसका जवाब देगी। उन्होंने कहा, ‘अब चाहे सरकार जितनी कोशिश कर ले, उनकी सरकार नहीं बनने वाली है। लोग भ्रष्टाचार, घोटाले और लूट का करारा जवाब देंगे।’ तेजस्वी यादव के इन आरोपों से राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। अब देखना यह होगा कि नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि चुनावी मौसम में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।
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