Bihar Flood: बिहार में बाढ़ ने स्थिति को गंभीर बना दिया है, जिससे कई तटबंध टूट गए हैं और नदियाँ उफान पर हैं। इसके कारण 16 जिलों के लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तैनात की हैं। बाढ़ के कारण कई गांवों में पानी भर गया है, जिससे लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं, लेकिन प्रभावित इलाकों में हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने और राहत सामग्री पहुँचाने के लिए सरकार प्रयासरत है।
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कोसी-गंडक सहित सभी नदियां उफान पर
बिहार में कोसी और गंडक सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। हालांकि, राहत की बात यह है कि वीरपुर के कोसी बैराज और वाल्मीकिनगर के गंडक बैराज पर जलस्राव में कमी आई है। जल संसाधन विभाग के मुताबिक, वीरपुर बैराज में कोसी का जलस्राव सोमवार को सुबह छह बजे 2,65,530 क्यूसेक था जबकि 10 बजे यह घटकर 2,54,385 क्यूसेक हो गया है। वहीं, वाल्मीकिनगर बैराज में सुबह 10 बजे गंडक का जलस्राव भी 1,55,600 लाख क्यूसेक है।
गांव डूबे और घरों में पानी
राज्य के 16 जिलों के 31 प्रखंडों में चार लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। गांव डूबे और घरों में पानी घुस गया। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार सभी संभव कदम उठा रही है। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है, और प्रभावित लोगों की सुरक्षा और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
4 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा और अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण बिहार के 16 जिलों—पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, और सहरसा—के 31 प्रखंडों में 152 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 4 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
NDRF और SDRF की टीमें तैनात
बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की 12 टीमों और एसडीआरएफ की 12 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन अतिरिक्त टीमों को भी बुलाया गया है।
बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविर
सुरक्षित स्थानों पर लोगों को पहुँचाने और आवागमन को सुगम बनाने के लिए 630 नावों का परिचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही, बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जहां 11,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों के तहत इन शिविरों में आवश्यक खाद्य सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।